सही रिपोर्ट के लिए चिकित्सकीय उपकरणों की नियमित जांच जरूरी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : किसी मरीज की जांच रिपोर्ट अलग-अलग आने की वजह चिकित्सकीय उपकरणों में खराबी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : किसी मरीज की जांच रिपोर्ट अलग-अलग आने की वजह चिकित्सकीय उपकरणों में खराबी होना भी हो सकती है। मौजूदा समय में देश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि जिससे चिकित्सा उपकरणों की जांच की गुणवत्ता सौ फीसद सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा बड़े-बड़े डायग्नोस्टिक लैब संचालकों ने रक्त के नमूने को एकत्रित करने के लिए सैकड़ों कलेक्शन सेंटर खोल लिए हैं। इस वजह से भी जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया है। इसके मद्देनजर नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर लेबोरेटरीज (एनएबीएल) डायग्नोस्टिक लैबों के बेहतर नियमन के लिए कदम उठाएगा। यह बात एसोसिएशन ऑफ इंडियन लेबोरेटरीज (एओआइएल) द्वारा आयोजित सम्मेलन में सामने आई। एनएबीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अनिल रेलिया ने कहा कि मरीजों की सही जांच रिपोर्ट के लिए चिकित्सा उपकरणों की नियमित जांच जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जांच उपकरण सही काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज का ब्लड प्रेशर एक घंटे में तीन बार लिया जाए तो कई बार जांच मशीन परिणाम अलग-अलग बताती है। इसका कारण मशीन का खराब होना भी हो सकता है। दिक्कत यह है कि जांच उपकरणों पर कोई एक्सपायरी तारीख तय नहीं होती है। ऐसी स्थिति में बहुत पुरानी मशीनों के इस्तेमाल से समस्या बढ़ सकती है। चिकित्सकीय जांच उपकरणों की जांच (कैलिब्रेशन) जरूरी है। इसके लिए जांच उपकरणों की एक्सपायरी की तारीख तय की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि एनएबीएल छह महीने में ब्लड के नमूने एकत्रित करने वाले करीब तीन हजार सेंटरों को मान्यता देगा। विशेषज्ञों का कहना है सेंपल कलेक्शन सेंटरों को मान्यता देने से यह फायदा होगा कि कलेक्शन सेंटर में कुछ सुविधाएं सुनिश्चित करना अनिवार्य हो जाएगा। इसके तहत रक्त के नमूनों को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीज व नमूने को जांच लैब तक ले जाने के लिए फ्रीज युक्त वैन होना जरूरी हो जाएगा। इससे मरीजों की जांच की गुणवत्ता बढ़ेगी। वर्तमान में इन मानकों का पालन हो रहा है या नहीं यह कहना मुश्किल है। लैब को उद्योग की दर्जा देने की मांग
सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लैबों के संचालक शामिल हुए। उन्होंने लैब संचालन को संगठित उद्योग का दर्जा दिए जाने की केंद्र सरकार से मांग की।