युवती को लेकर झगड़े में की थी युवक की हत्या
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नरेला में 12 सितंबर को दादा माई मंदिर के पास युवक की बेरहमी से
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नरेला में 12 सितंबर को दादा माई मंदिर के पास युवक की बेरहमी से हत्या करने वाले तीन आरोपितों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। वारदात में शामिल नाबालिग को भी पुलिस ने दबोच लिया है। बांकनेर गांव की रहने वाली एक युवती से दीपक व हत्यारोपित सुमित भारद्वाज दोनों प्यार करते थे। दीपक ने सुमित को युवती से दूर रहने की धमकी दी थी। यह बात सुमित को नागवार गुजरी और उसने तीन दोस्तों के साथ मिलकर चाकुओं से गोदकर दीपक की हत्या कर दी थी।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजीव रंजन के मुताबिक गिरफ्तार किए आरोपितों के नाम सुमित भारद्वाज, सचिन खत्री व शिव हैं। चौथा आरोपित नाबालिग है। चारों नरेला के बांकनेर गांव के रहने वाले हैं। दीपक भी बांकनेर का रहने वाला था। सुमित पत्राचार से बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। सचिन दसवीं पास है और मुंडका में एक फैक्ट्री में काम करता है। शिव भी पत्राचार से बीए कर रहा है। पूछताछ में पता चला कि सुमित और दीपक गांव की रहने वाली एक युवती से प्यार करते थे। दीपक ने सुमित को युवती से दूर रहने की चेतावनी दी थी। सुमित ने बात मानने से इन्कार कर दिया। इस पर दोनों के बीच पहले जमकर झगड़ा हुआ। सुमित ने दीपक को रास्ते से हटाने की ठान ली। उसने तीन दोस्तों के साथ मिलकर दीपक की हत्या की साजिश रची। 12 सितंबर की शाम चारों दादा माई वाला मंदिर के पास दीपक के आने का इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद दीपक वहां इको वैन से पहुंचा। वह वैन से उतरकर शिव के साथ मजाक करने लगा। दीपक ने जब उसे किस करना चाहा तो चारों ने उस पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिया। पेट व गर्दन पर कई जख्म होने पर दीपक जमीन पर गिर गया। इसके बाद सुमित ने उसका गला रेत दिया। सरेआम वारदात होते देते देख किसी ने भी दीपक को बचाने की हिम्मत नहीं की। सभी आरोपित वैन से सोनीपत चले गए। कुछ घंटे बाद चारों वापस लौटे और वैन को खेमपुर गांव के पास छोड़ दिया। चारों ने देर रात अपाचे बाइक से गुजर रहे युवक की बाइक लूट ली। बाइक से वे जहांगीर मेट्रो स्टेशन पहुंचे और फिर वहां बाइक छोड़कर ऑटो से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन गए और ट्रेन से अलीगढ़ में नाबालिग के रिश्तेदार के घर पहुंचे। वहां कुछ दिन रहने के बाद चारों वापस दिल्ली आ गए और जगह बदल-बदल कर छिपते रहे। वे हरिद्वार भागने की योजना बना रहे थे, लेकिन उससे पहले पुलिस टीम ने 21 सितंबर को सिरसपुर गुरुद्वारा, जीटी रोड के पास से चारों को दबोच लिया।