31 स्थानों पर पहुंच रहा मां का रथ, हजारों भक्त हो रहे लाभान्वित
कोरोना संक्रमण के चलते झंडेवाला देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या को नियत्रंण करने के लिए पहली बार राजधानी दिल्ली में मां के स्वरूप के जैसा दरबार वाले रथ चलाएं जा रहे हैं। दिल्ली के 31 स्थानों पर रोजाना यह रथ मंदिर से प्रस्थान कर रहे हैं जो एक स्थान पर तीन घंटे तक खड़े होकर मां भगवती के आशीर्वाद से उनके 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को लाभान्वित कर रहे हैं। लोग रथों के पास आकर मां के दर्शन के साथ-साथ चौकी और भजन-कीर्तन का भी आयोजन कर रहे हैं। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि आठ रथ एक दिन में तीन स्थानों पर जाते हैं जो रोजाना बदल-बदल कर भेजे जाते हैं जिनमें मां के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन भक्तों को होते हैं।
राहुल सिंह, नई दिल्ली
कोरोना संक्रमण के चलते झंडेवाला देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या को नियत्रंण करने के लिए पहली बार राजधानी दिल्ली में मां के स्वरूप के जैसे ही दरबार वाले रथ चलाएं जा रहे हैं। दिल्ली के 31 स्थानों पर रोजाना यह रथ मंदिर से प्रस्थान कर रहे हैं, जो एक स्थान पर तीन घंटे तक खड़े होकर मां भगवती के आशीर्वाद से उनके 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को लाभान्वित कर रहे हैं। लोग रथों के पास आकर मां के दर्शन के साथ-साथ चौकी और भजन-कीर्तन का भी आयोजन कर रहे हैं।
समिति पदाधिकारियों का कहना है कि आठ रथ एक दिन में तीन स्थानों पर जाते हैं, जो रोजाना बदल-बदल कर भेजे जाते हैं, जिनमें मां के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन भक्तों को होते हैं।
झंडेवाला देवी मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि रोजाना सुबह की आरती के बाद आठ रथों को मंदिर से रवाना किया जाता है। जो राजधानी दिल्ली में चिह्नित किए गए 31 स्थानों पर पहुंचते हैं। इनमें कुछ रथ तीन स्थानों और कुछ रथ चार स्थानों पर पहुंच रहे हैं। लोग अपनी कॉलोनी में जैसे ही रथ को आता देखते हैं तो वह ढोल नगाड़ों के साथ उसका स्वागत करते हैं। इसके बाद वह निर्धारित स्थल पर जाकर खड़ा कर देते हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस के स्थानीय थाने से पहुंचे पुलिसकर्मी भी वहां पहुंचते हैं, जो भक्तों की भीड़ को काबू करने में मदद करते हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि रथ के पास लोग भजन कीर्तन का आयोजन भी कर रहे हैं, जिसमें पूरी तरह से शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया जा रहा है।
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इन 31 स्थानों पर पहुंचता है रथ
लाजपत नगर, बदरपुर बार्डर-1 व 2, कालकाजी, बसंत विहार, महरौली, मदनगीर, गीता कॉलोनी, आइपी एक्सटेंशन, सूरजमल विहार, त्रिलोकपुरी, करावल नगर, यमुना विहार, मंडोली एक्सटेंशन, वेलकम, बुराड़ी, नरेला, रोहिणी सेक्टर-7, अशोक विहार, बुनकर कॉलोनी, आदर्श नगर, मुखर्जी नगर, आंबेडकर विहार नांगलोई, नाहरगढ़, ककरोला, सेक्टर-10 द्वारका, भारतीय महिला कॉलेज जनकपुरी, तिलक नगर, पीतमपुरा और शुभद्ररा कॉलोनी में मंदिर की ओर से यह रथ भेजा जा रहा है। सोनीपत से बनकर आए एक रथ की कीमत है साढ़े चार लाख
पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर समिति की ओर से 11 रथ तैयार कराएं गए हैं, जिनमें से आठ रथों को रोजाना निर्धारित स्थानों पर भेजा रहा है। तीन रथों को रिजर्व किया गया है कि अगर कोई रथ खराब होता है तो वहां दूसरे रथ को भेजा जा सके। पदाधिकारियों ने कहा कि यह रथ खासतौर से सोनीपत के कुंडली में तैयार किए गए हैं। यह एक ट्रक पर रखकर तैयार किए गए हैं। इसमें झंडेवाला देवी मंदिर में बना मां का दरबार हुबहू बनाकर तैयार कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस एक रथ को तैयार होने में करीब साढ़े चार लाख रुपये की कीमत खर्च हुई है।
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उपमुख्यमंत्री ने मां का लिया आशीर्वाद
झंडेवाला देवी मंदिर में मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मां के दर्शन किए। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री ने मां के दर्शन के बाद पुजारियों द्वारा दिया गया प्रसाद ग्रहण किया और वह चले गए। मंगलवार को चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की गई, जिसके लिए हजारों श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचे, जिन्होंने शारीरिक दूरी के साथ दर्शन किए।
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वर्जन
- मंदिर के अलावा राजधानी में रहने वाले मां के भक्तों के लिए रथ खासतौर से तैयार कराए गए हैं, जिनपर लाइटिग, जनरेटर, दरबार समेत अन्य खर्च आया है। यह रथ 31 स्थानों पर चलाए जा रहे हैं। --- रविद्र गोयल, प्रबंधक, झंडेवाला देवी मंदिर
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- मां के अलग-अलग स्वरूप के हिसाब से उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। इस दौरान मंदिर में आने वाले भक्तों को सरकार के दिशानिर्देश का पालन कराया जा रहा है। --- कुलभूषण आहूजा, सचिव, झंडेवाला देवी मंदिर