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मोहल्ला क्लीनिक चलाने में स्वास्थ्य विभाग का छूटा पसीना

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिल्ली में पहले से डिस्पेंसरियों का बड़ा

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 09:51 PM (IST)
मोहल्ला क्लीनिक चलाने में स्वास्थ्य विभाग का छूटा पसीना
मोहल्ला क्लीनिक चलाने में स्वास्थ्य विभाग का छूटा पसीना

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिल्ली में पहले से डिस्पेंसरियों का बड़ा नेटवर्क है। उनकी उपयोगिता को दरकिनार कर आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर मोहल्ला क्लीनिक को नए कलेवर में पेश किया और खुद अपनी पीठ थपथपाने में पीछे नहीं रही, जबकि हकीकत यह है कि नए मोहल्ला क्लीनिक खोलना तो दूर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पहले से बनकर तैयार मोहल्ला क्लीनिक को चलाने में पसीना छूट रहा है। स्थिति यह है कि 30 मोहल्ला क्लीनिक लंबे समय से बनकर तैयार हैं। लोक निर्माण विभाग उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय को सौंप भी चुका है, फिर भी ये क्लीनिक बेकार पड़े हैं।

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अब क्लीनिकों की दुर्दशा सामने आने पर महानिदेशालय एक जुलाई से इन्हें शुरू करने की बात कह रहा है, लेकिन पहले से चालू 164 मोहल्ला क्लीनिकों में से 62 में किसी तरह की जांच की सुविधा नहीं है। इलाज के नाम पर हर मरीज को दो से तीन दिन की दवा दे दी जाती है, जबकि मोहल्ला क्लीनिक की योजना तैयार होने पर सरकार ने दावा किया था कि इनमें मुफ्त दवा व 210 तरह की जांच मुफ्त में होगी।

मौजूदा समय में 194 मोहल्ला क्लीनिक हैं। इनमें से 164 चालू हालत में हैं, जबकि 30 को स्वास्थ्य विभाग अब तक चालू नहीं कर सका है। ये क्लीनिक पोर्टा केबिन में बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि एक क्लीनिक के निर्माण पर करीब 20 लाख रुपये खर्च आता है। लंबे समय से बेकार पड़े होने के कारण कई क्लीनिक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसी स्थिति में मरम्मत पर सरकार को दोबारा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। डॉक्टर व फार्मासिस्ट की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण ये अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। हालांकि स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय का कहना है कि डॉक्टरों की नियुक्ति कर ली गई है और एक जुलाई से ये क्लीनिक चालू कर दिए जाएंगे।

102 क्लीनिकों में जांच की सुविधा

वर्तमान समय में 102 क्लीनिकों में ही जांच की सुविधा है। इसकी जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को दी गई है। ऐसी स्थिति में यदि एक जुलाई से 30 मोहल्ला क्लीनिक शुरू भी हो जाते हैं तो उनमें जांच की सुविधा नहीं हो पाएगी। आधी-अधूरी तैयारी के साथ इनमें मरीजों का इलाज हो पाएगा। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय का कहना है कि जिन मोहल्ला क्लीनिकों में जांच की सुविधा नहीं है, उनके लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।


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