सामने था 5'5 फुट का 50 हजारी 'पव्वा' UP पुलिस बन रही थी 'उल्लू'
जिस 50 हजार के इनामी बदमाश फिरोज उर्फ पव्वा का गिरफ्तार कर पुलिस अपना पीठ थपथपा रही है वह तो एक महीने पुलिस के सामने खड़ा था। वहीं पुलिस बदमाश पव्वा को देखकर कह रही थी, 'जाने दो ना यार'।
नोएडा (ललित विजय)। जिस 50 हजार के इनामी बदमाश फिरोज उर्फ पव्वा का गिरफ्तार कर पुलिस अपना पीठ थपथपा रही है वह तो एक महीने पुलिस के सामने खड़ा था। वहीं पुलिस बदमाश पव्वा को देखकर कह रही थी, 'जाने दो ना यार'।
यूपी, हरियाणा व पंजाब में आतंक का पर्याय बना मुकीम काला गिरफ्तार
गौरतलब है कि 20 सितंबर को ही ग्रेटर नोएडा पुलिस ने 5'5 फुट लंबे और 50 हजार के इनामी बदमाश फिरोज उर्फ पव्वा को गिरफ्तर कर लिया था। पव्वा ने अपना नाम समीर बताकर न केवल पुलिस के चंगुल से छूटा, बल्कि उसने इसी नाम से कोर्ट से जमानत भी ले ली।
लुक्सर जेल में बंद पव्वा से पुलिस थी बेखबर
गाजियाबाद में सोमवार को पकड़ा गया 50 हजार का इनामी और मुकीम काला का दाहिना हाथ फिरोज उर्फ पव्वा 20 सितंबर को ही ग्रेटर नोएडा के जारचा में गिरफ्तार हो गया था। पुलिस को उसने अपना सही नाम न बताकर समीर नाम बता दिया। पुलिस उसे पहचान नहीं पाई और वह गौतमबुद्ध नगर की लुक्सर जेल चला गया।
25 दिन बाद मिल गई जमानत
वहां 25 दिन रहने के बाद उसे 15 अक्टूबर को जमानत मिल गई, लेकिन पुलिस को उसकी सही पहचान की जानकारी नहीं मिल सकी। अब ग्रेटर नोएडा पुलिस फिरोज को रिमांड पर लेगी।
यूं दिया पुलिस को चकमा
जारचा पुलिस ने 20 सितंबर की रात संदिग्ध हालात में फोर्ड इंडीवर कार को रोका था। उसमें तीन बदमाश सवार थे, जिनसे पिस्टल, तमंचा बरामद हुआ था। बदमाशों ने अपनी पहचान गाजियाबाद के रहने वाले समीर और राहुल तथा जारचा के रहने वाले सर्वेश उर्फ डिल्लू बताई थी।
तीनों को लुक्सर जेल भेज दिया गया, जहां से 15 अक्टूबर को समीर को जमानत मिल गई। इस दौरान गौतमबुद्ध नगर पुलिस को समीर के फिरोज होने की जानकारी नहीं मिल सकी।
विजय नगर गाजियाबाद का रहने वाला बताकर ली जमानत
फिरोज ने खुद को विजय नगर गाजियाबाद का रहने वाला बताया था। विजय नगर में उसका क्रिमिनल रिकार्ड
न होने के कारण उसे जमानत मिल गई।
राहुल था इंद्रपाल
जारचा से जेल गए राहुल का असली नाम इंद्रपाल है। वह गाजियाबाद में दोहरे हत्याकांड में वांछित था। उसने भी
जमानत की अर्जी लगाई। गाजियाबाद में उसका आपराधिक इतिहास पाया गया।
इस कारण उसकी जमानत नहीं हो सकी। सीओ अनुराग सिंह ने बताया कि जारचा में पकड़े जाने के बाद पुलिस समीर और राहुल के बताए पते की जांच के लिए गाजियाबाद गई थी। दोनों का पता गलत मिला था।