Move to Jagran APP

माता-पिता के सुझावों का 'वेलकम' करेगा दिल्ली नगर निगम

निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक भी अब अपने सुझाव और शिकायतें निगम के साथ साझा कर सकेंगे। आने वाले दिनों में निगम अपने सभी जोन में सुझाव केंद्र यानि फीडबैक सेल बनाने की योजना बना रहा है, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2015 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2015 09:57 AM (IST)
माता-पिता के सुझावों का 'वेलकम' करेगा दिल्ली नगर निगम

विजयालक्ष्मी, नई दिल्ली। निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक भी अब अपने सुझाव और शिकायतें निगम के साथ साझा कर सकेंगे। आने वाले दिनों में निगम अपने सभी जोन में सुझाव केंद्र यानि फीडबैक सेल बनाने की योजना बना रहा है, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।

loksabha election banner

निगम स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों से उनके अभिभावकों के फोन नंबर मांगे जा रहे हैं और उनका एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। अभिभावकों के नंबरों को एक केंद्र के साथ जोड़ा जाएगा, जिस पर उन अभिभावकों के सुझाव और शिकायतें प्राप्त की जाएंगी।

इसकी निगरानी के लिए हर जोन में एक सेल बनेगा, जो सीधे निगम मुख्यालय में बने केंद्रीय सेल से जुड़ेगा। इसकी निगरानी खुद शिक्षा निदेशक करेंगे। इस योजना की शुरुआत सबसे पहले दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों से की जा रही है। इसके बाद बाकी निगम भी इस योजना को लागू करेंगे।

दक्षिणी दिल्ली निगम के शिक्षा निदेशक आरसी धनकड़ ने बताया कि निगम के स्कूलों में बच्चे किस तरह की समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं, इस बात की जानकारी अभिभावक बेहतर तरीके से दे सकते हैं। बच्चों को क्या शिक्षक ठीक से नहीं पढ़ा रहे या फिर बच्चों को किताबें समय पर मिली या नहीं जैसी कई समस्याओं को अब वे सीधे शिक्षा निदेशक कार्यालय तक पहुंचा सकते हैं।

इसी उद्देश्य से सभी चार केंद्रों का एक नंबर भी जारी किया जाएगा, जिसकी जानकारी उन सभी नंबरों पर भेजी जाएगी। निगम के 585 स्कूलों में करीब छह लाख बच्चे पढ़ते हैं यानि इतनी ही संख्या में मोबाइल नंबर भी होंगे। इन सभी को कंट्रोल रूम से जोड़ना एक चुनौती भरा काम है।

इसके लिए आइटी विभाग से मदद ली जा रही है। निगम के चार जोन के सभी नंबरों को एक नंबर से भी जोड़ा जाना है। इस संबंध में निगम स्कूलों को सूचित कर दिया गया है, ताकि यह काम जल्दी जल्दी से हो सकें। इस मॉडल से निगम स्कूलों में बच्चों के ड्राप रेट में भी कमी ला सकेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.