दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में गत 15 वर्ष में हुई सबसे कम मौत
मामले में चेन्नई के बाद देश भर में दूसरे स्थान पर रही। दिल्ली यातायात पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनाओं को रोकने में नए मोटर वाहन अधिनियम के कार्यान्वयन और लोगों में जागरुकता प्रमुख वजह मानी जा सकती है। पुलिस ने यातायात नियम ना मानने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कई अभियान चलाए थे। इस दौरान सैकड़ों वाहन जब्त किए गए और चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गई थी। समाप्त संतोष शर्मा 22 अक्टूबर 20
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
राजधानी में न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है, बल्कि दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों की संख्या भी घटी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर में वर्ष 2019 में हुई सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा जारी किया है। आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं ने गत 15 वर्ष में सबसे कम मौत हुई। वही, वर्ष 2018 के मुकाबले सड़क दुर्घटना में करीब14 फीसद की गिरावट भी आई है। वर्ष 2005 में दुर्घटना में 1862 लोगों ने जान गंवाई थी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में वर्ष 2018 में 6,515 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जबकि वर्ष 2019 में इसकी संख्या घटकर 5,610 रह गई। इस दौरान राजधानी में सड़क दुर्घटनाओं में मौत की संख्या में भी कमी देखी गई। वर्ष 2018 में कुल 1690 लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली गई थी, जबकि वर्ष 2019 में दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 1463 थी। इस प्रकार से गत वर्ष के मुकाबले 2019 में दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 227 कम थी। सड़क दुर्घटना के सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले यात्री और साइकिल चालक शिकार हुए। आकड़े के अनुसार दुर्घटना में यातायात के नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों की ज्यादा मौत हुई।
दिल्ली में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा 178 दोपहिया चालक की मौत सिर्फ हेलमेट नहीं पहने के कारण हुई। वहीं, दुर्घटना के शिकार 97 कार चालक की मौत की वजह सीट बेल्ट नहीं बांधना रहा। एक लाख से अधिक की आबादी वाले प्रमुख शहरों की सूची में दिल्ली गत वर्ष हुई कुल सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर के मामले में चेन्नई के बाद देश भर में दूसरे स्थान पर रही। दिल्ली यातायात पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनाओं को रोकने में नए मोटर वाहन अधिनियम के कार्यान्वयन और लोगों में जागरूकता प्रमुख वजह मानी जा सकती है। इस दौरान सैकड़ों वाहन जब्त किए गए और चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गई थी।