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हर बात पर नोटिस से तंग आ गए हैं द्वारकावासी

फोटो संख्या 7 यूटीएम 1 जागरण संवाददाता पश्चिमी दिल्ली आए दिन द्वारका निवासियों को कोई न कोई नोटिस भेजा जाता रहा है। कभी डीडीए का तो कभी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का। इससे यहां के लोग काफी परेशान हो गए हैं। ताजा मामला दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से अवैध बोरवेल के उपयोग को लेकर करीब सौ सोसायटियों को नोटिस दिया ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 08:32 PM (IST)
हर बात पर नोटिस से तंग आ गए हैं द्वारकावासी
हर बात पर नोटिस से तंग आ गए हैं द्वारकावासी

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : आए दिन द्वारका निवासियों को कोई न कोई नोटिस भेजा जाता रहा है। कभी डीडीए का तो कभी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का। इससे यहां के लोग परेशान हो गए हैं। ताजा मामला दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से अवैध बोरवेल के उपयोग को लेकर करीब सौ सोसायटियों को नोटिस दिया गया है, जबकि यहां के लोगों का कहना है कि हमें सिर्फ कठघरे में खड़ा किया जाता है। हमारी समस्या के समाधान की ओर कोई भी विभाग ध्यान नहीं देता है।

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द्वारका के निवासियों ने बताया कि अधिकांश सोसायटियों को तीस हजार के जुर्माने का नोटिस दिया गया है। वर्ष 2018 में जब से जल बोर्ड का पानी सोसायटी में मिलने लगा है तब से बोरवेल का उपयोग अधिकांश सोसायटियों में बंद कर दिया गया है। वहीं, कुछ सोसायटियों में जल बोर्ड के पानी की आपूर्ति समुचित मात्रा में नहीं होने पर सार्वजनिक उपयोग के लिए बोरवेल का उपयोग किया जा रहा है। आजतक उन्हें किसी ने नहीं बताया कि बोरवेल का पानी उपयोग करने पर जुर्माना लग सकता है। ऐसे में यहां के निवासी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को भेजी रिपोर्ट में जल बोर्ड ने कहा कि जून में इसका सर्वे किया गया था। जबकि निवासियों का कहना है कि जून में कोरोना संकट चरम पर था। लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे। ऐसे में सर्वे कैसे किया गया इसकी भी जानकारी हमें नहीं मिल रही है। अगर सोसायटी में सर्वे करने के लिए आते तो प्रबंधन समिति को इसकी जानकारी जरूर होती, लेकिन इस प्रकार की कोई जानकारी समिति के पास नहीं है। नोटिस के बाद फेडरेशन आफ सीजीएचएस के नेतृत्व में लोग ने डीपीसीसी के अधिकारियों से बात की। डीपीसीसी के सदस्य अरुण मिश्रा से भी मुलाकात की है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय लोग का साफ कहना है कि यह नोटिस गलत दिया गया है। इस नोटिस को वापस लेना चाहिए।

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द्वारका इलाके में आए दिन नोटिस भेज दिया जाता है। लगता है जैसे ही विभागों के पास पैसों की कमी होती है वह द्वारका के लोग को नोटिस भेज देते हैं। हम लोग कानून का पालन करने वाले लोग हैं। ऐसे में इस तरह के नोटिस से हमलोगों को परेशानी होती है।

सुधा सिन्हा, अध्यक्ष, फेडरेशन आफ द्वारका सीजीएचएस लिमिटेड कुछ सोसायटी में जल बोर्ड समुचित मात्रा में पानी नहीं दे पा रहा है। ऐसे में हरियाली को बनाए रखने के लिए लोग भूजल का उपयोग करते हैं। साथ ही आजतक यह नहीं बताया गया है कि यह गलत है। ऐसे में बिना कारण बताओ नोटिस के सीधे जुर्माने का नोटिस भेजना गलत है।

अनीश बालाचंद्रन, सचिव, गायत्री सीजीएचएस लिमिटेड हम लोग प्रत्येक नियम कानून को मानते हैं। कम से कम कोई भी नोटिस भेजने से पहले हमें जानकारी तो मिले कि हमारा अपराध क्या है। वर्ष 2018 से ही हमने बोरवेल का उपयोग बंद कर दिया है। हम लोग की बात भी विभाग को सुननी चाहिए।

पीके चोपड़ा, सेक्टर 6, शिवालिक अपार्टमेंट


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