लीड---त्योहार के बाद भी नहीं हटे शुभकामनाओं के बैनर
स्वच्छता को लेकर आए दिन इलाके में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। निगम से जुड़े लोग शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने के लिए तमाम दावे करते नजर आते हैं, लेकिन जब काम करने की बारी आती है तो कोई भी आगे नहीं आता। उल्टा स्थानीय संस्थाएं, नेता ही शहर को बदरंग करने में जुटे हुए दिखाई देते हैं। इलाके में दिवाली, भाई दूज, छठ पूजा को लेकर शुभकामना देते हुए सैकड़ों र्हो¨डग्स लगे हुए है। सभी त्योहार बीत जाने के बाद भी अभी तक इसे नहीं उतारा गया है।
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-शहर में संपत्ति बदरंग अधिनियम की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : स्वच्छता को लेकर आए दिन क्षेत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। निगम से जुड़े लोग शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने के लिए तमाम दावे करते हैं, लेकिन जब काम की बारी आती है तो कोई भी आगे नहीं आता। उल्टा स्थानीय संस्थाएं, नेता ही शहर को बदरंग करने में जुटे रहते हैं। इलाके में दिवाली, भाई दूज, छठ पूजा को लेकर शुभकामना देते हुए सैकड़ों र्हो¨डग्स लगे हुए हैं। सभी त्योहार बीत जाने के बाद भी अभी तक इसे नहीं उतारा गया। ऐसे में पूरे शहर में संपत्ति बदरंग अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आती हैं। इसको लेकर पुलिस कई बार मामला भी दर्ज करती है, लेकिन उसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
फरवरी में सख्त हुई थी पुलिस
इसी वर्ष फरवरी में संपत्ति को बदरंग करने वालों के खिलाफ निगम ने पुलिस की मदद ली थी। निगम की ओर से मोती नगर व डाबड़ी थाने में इस बाबत एफआइआर दर्ज करवाई गई थी। इस कार्रवाई के बावजूद जगह जगह बैनर, पोस्टर चिपके नजर आते हैं। लोगों में निगम की कार्रवाई का कोई डर नजर नहीं आ रहा है। त्योहार व कार्यक्रम का मौसम नजदीक आते ही जनप्रतिनिधि खुद इस नियम की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं।
सार्वजनिक व निजी स्थानों पर चिपके रहते हैं पोस्टर
छात्रों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न को¨चग संस्थाओं की ओर से मेट्रो पिलर, सूचना बोर्ड, डिवाइडर, दीवार आदि पर पोस्टर चिपकाए गए हैं। इसके अलावा किसी कार्यक्रम की पूर्व सूचना, त्योहार की पूर्व बधाई से जुड़े पोस्टर-बैनर भी जगह जगह नजर आते हैं। आलम यह है कि काम निकल जाने के बाद भी इन पोस्टर-बैनर को हटाया नहीं जाता है। ऐसे में वे संपत्ति बदरंग अधिनियम का उल्लंघन करते नजर आते हैं। जो कानूनन अपराध है। आश्चर्य की बात यह है कि राजनीति से जुड़े मुद्दों पर भले ही राजनीतिक दलों के नेताओं में एक दूसरे का काट करने की होड़ लगी रहती है, लेकिन संपत्ति बदरंग करने के मामले में अमूमन अधिकांश दलों के नेता एक समान नजर आते हैं।
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क्या कहता है संपत्ति बदरंग अधिनियम :
-- सार्वजनिक भवन या स्थान की खूबसूरती को नष्ट करने वाले के खिलाफ सजा का है प्रावधान
-- इसके अंतर्गत दीवारों पर स्याही या पेंट से कुछ लिखने की है मनाही
-- इसके अलावा दीवारों पर पोस्टर चिपकाने या बैनर लगाना भी है जुर्म की श्रेणी में
-- अधिनियम के तहत संपत्ति शब्द का मतलब सार्वजनिक या निजी भवन, दीवार, खंभे, पेड़, छत है
-- यह संपत्ति सरकारी या निजी दोनों हो सकती है
-- इस अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर दोषी को अधिकतम एक वर्ष की सजा या 50 हजार रुपये जुर्माने का है प्रावधान
-- मामले की गंभीरता को देखते हुए कैद व जुर्माना दोनों एक साथ हो सकते हैं