कन्हैया कुमार को राहत, जेएनयू का फैसला खारिज
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की उच्चस्तरीय जाच कमेटी के फैसले को खरिज कर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राहत दी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की उच्चस्तरीय जाच समिति द्वारा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के मामले में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बड़ी राहत दी है। अदालत ने जुर्माने के फैसले को खारिज करते हुए जेएनयू को दोबारा से मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि कि जेएनयू प्रशासन का आदेश कई मामलों में आधारहीन है। इस पर जेएनयू काउंसिल ने कहा कि वह अपने फैसले पर दोबारा विचार करेगी। इसके बाद पीठ ने मामले को फिर से प्राधिकारियों के पास भेजते हुए नए सिरे से कानून के तहत सुनवाई के आदेश दिए।
जांच कमेटी ने अफजल गुरु को फासी देने के खिलाफ 9 फरवरी 2016 को परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी करने के मामले में छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। उच्चस्तरीय कमेटी ने यह फैसला बरकरार रखा था। कमेटी ने मामले में उमर खालिद का बहिष्कार करने समेत 13 अन्य छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ कन्हैया ने मंगलवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
उमर खालिद मामले में रोक जारी
उमर खालिद के मामले में हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक जारी रहेगी। कॉलेज से बहिष्कार किए जाने के फैसले को उमर खालिद ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।सुनवाई के दौरान कई छात्रों ने फैसले के खिलाफ आवेदन दिया। पीठ ने मामलों को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
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हाई कोर्ट ने पूर्व में दी थी छात्रों को राहत
जेएनयू की पूर्व कमेटी ने कन्हैया कुमार पर 10 हजार का जुर्माना, उमर खालिद की बहिष्कार करने के अलावा 21 छात्रों को दोषी पाया था। मामला हाई कोर्ट पहुंचा था और अदालत ने फैसले को खारिज करते हुए दोबारा सुनवाई करने और फिर नए सिरे से फैसला करने का निर्णय दिया था।