झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी करार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : झारखंड के राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में पटिया
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
झारखंड के राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु व कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआइएसयूएल) को दोषी करार दिया है। स्पेशल सीबीआइ जज भरत परासर ने मामले में वीआइएसयूएल के निदेशक वैभव तुल्सयान, लोक सेवक बसंत कुमार भट्टाचार्या, बिपिन बिहारी सिंह और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुल्सयान को आरोपों से बरी कर दिया। 14 दिसंबर को मामले में सजा सुनाई जाएगी।
सीबीआइ के अनुसार वीआइएसयूएल ने 8 जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक के लिए आवेदन किया था। झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटन करने की अनुशंसा नहीं की थी, लेकिन तत्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता और झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु की सदस्यता वाली 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने अपने स्तर पर ही इस ब्लॉक को आवंटित करने की सिफारिश कर दी। इसी को आधार बनाकर बाद में तत्कालीन मधु कोड़ा सरकार ने इस कोल ब्लॉक को कंपनी को आवंटित कर दिया। उस समय एचसी गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी अंधेरे में रखा। उन्होंने मनमोहन सिंह से इस तथ्य को छिपाया कि झारखंड सरकार ने वीआइएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश नहीं की है। सीबीआइ का कहना था कि कोड़ा, बसु और दो अन्य ने वीआइएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटित कराने के लिए साजिश रची थी। जांच एजेंसी ने सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 409 (सरकारी कर्मचारी द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा के तहत आरोप तय किए थे।