दिल्लीः परदेसियों को भी भा रहा जागरण फिल्म फेस्टिवल
फेस्टिवल में एक ही जगह पर हर तरह की फिल्में देखने को मिल जाएंगी। पाकिस्तानी फिल्मों के बारे में सुनकर व खासतौर से फेस्टिवल में आए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मूलरूप से बेल्जियम की रहने वाली बबेट बेल्जियम दूतावास में काम करती हैं और चाणक्यपुरी में रहती हैं। पिछले दो साल से वह जागरण फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा हैं। वह कहती हैं कि पिछले वर्ष वह पहली बार फेस्टिवल में आई थीं।
यहां दिखाई गईं फिल्में इतनी पसंद आईं कि वह पांचों दिन फेस्टिवल में आईं। वह कहती हैं कि इस बार भी वह पांचों दिन यहां आएंगी। उन्होंने बताया कि यहां पर बेल्जियम के साथ को-प्रोडक्शन में बनी तीन फिल्में भी दिखाई जा रही हैं। वह फिल्म ‘लेंस’ देखने आई हैं। स्पैनिश फिल्म ‘जो’ और ‘ऑडिपस किंग’ भी देखेंगी।
वहीं, मूलरूप से फ्रांस की रहने वाली कैरोलिन स्मिथ ने बताया कि पिछले साल उन्होंने ‘मार्गेरेटा विद स्ट्रॉ’ समेत कई अंग्रेजी फिल्में देखी थीं। वह शनिवार को ‘लेंस’ और ‘मेडागास्कर’ देखने आई थीं। कैरोलिन फ्रेंच दूतावास में काम करती हैं।
उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल से उन्हें बेहद लगाव इसलिए है क्योंकि इसमें हर मूड व हर ट्रेंड की फिल्में दिखाई जाती हैं। वह कहती हैं कि अच्छी फिल्मों के साथ यहां पर फिल्म देखने के लिए अच्छा माहौल भी मिलता है। ओपन स्पेस के साथ ही यहां पर पार्किंग की भी कोई समस्या नहीं होती है।
कैरोलिन ने बताया कि अपने सहकर्मियों के साथ ही वह पूरे फेस्टिवल को एंज्वाय करती हैं। द्वारका निवासी योगित ने बताया कि वह पहली बार फेस्टिवल में आए हैं। पाकिस्तानी फिल्मों के बारे में सुनकर व खासतौर से फेस्टिवल में आए हैं।
उन्होंने बताया कि फेस्टिवल में एक ही जगह पर हर तरह की फिल्में देखने को मिल जाएंगी। वहीं, गुड़गांव निवासी केतकी ने बताया कि वह दो घंटे का सफर तय कर फेस्टिवल में पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि वह चार फिल्में देखेंगी जिनमें हिंदी व अंग्रेजी फिल्में शामिल हैं।
शनिवार को एडवेंचर ऑफ जुआन क्विन-क्विन, हबानास्टेशन, गीत गाया पत्थरों ने, बॉलीवुड डायरीज, प्राइवेट डिटेक्टिव, द फस्र्ट-द लास्ट फिल्में दिखाई गईं। वहीं, जागरण शॉर्ट्स के तहत लेटर टू जैक, द इंटरव्यू, चार्ली एंड पॉपी, शुगर, इनर कॉन्फ्लिक्ट व सेंटीमीटर्स प्रदर्शित की गईं।