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इस्कॉन का आध्यात्मिक परामर्श पहुंचा रहा लाभ

लॉकडाउन के दौरान घर बैठे लोगों में मानसिक तनाव काफी बढ़ गया है जिसके कारण घरेलू हिसा व अवसाद के मामलों में कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। आध्यामिक परामर्श के माध्यम से द्वारका इस्कॉन लोगों के तनाव को कम कर उन्हें नया जीवनदान प्रदान कर रहा है। रोजाना करीब 150 लोग इस्कॉन द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर रहे है। हालांकि ये हेल्पलाइन नंबर दुनियाभर के लोगों के लिए है पर फिलहाल दिल्ली और पश्चिम बंगाल के लोग इससे अधिक जुड़ रहे है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:10 AM (IST)
इस्कॉन का आध्यात्मिक परामर्श पहुंचा रहा लाभ
इस्कॉन का आध्यात्मिक परामर्श पहुंचा रहा लाभ

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान घर बैठे लोगों में मानसिक तनाव काफी बढ़ गया है, जिसके कारण घरेलू हिसा व अवसाद के मामलों में कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। आध्यात्मिक परामर्श के माध्यम से द्वारका इस्कॉन लोगों के तनाव को कम कर उन्हें नया जीवन प्रदान कर रहा है। इस्कॉन की ओर से शुरू की गई हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना 150 लोग संपर्क कर रहे हैं। हालांकि ये हेल्पलाइन नंबर दुनिया भर के लोगों के लिए है, पर फिलहाल दिल्ली और पश्चिम बंगाल के लोग इससे अधिक जुड़ रहे हैं। खास बात यह है कि ये सुविधा बिल्कुल मुफ्त है। काउंसलिग के दौरान लोगों की समस्या और उनकी पहचान को गुप्त रखा जाता है, ताकि वे खुलकर अपनी बात को रख सकें। लोगों को इससे काफी लाभ पहुंच रहा है। हालांकि इस्कॉन द्वारका में यह सुविधा काफी पहले से चला रहा है और लोगों को इससे लाभ मिला है।

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गौरतलब है कि 20 मई से लोगों में तनाव को कम करने और नकारात्मकता को कम करने के लिए दक्षिणी-पश्चिमी जिला प्रशासन ने द्वारका सेक्टर-13 स्थित इस्कॉन के साथ मिलकर आध्यात्मिक परामर्श के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 9971766666 शुरू किया है। देश-विदेश के विभिन्न कोनों में बैठे लोग इस नंबर पर संपर्क कर अपने तनाव को कम कर सकते हैं। इसके लिए इस्कॉन में करीब एक हजार काउंसलर हैं, जो देश-विदेश की विभिन्न भाषाओं से परिचित हैं।

बड़ी तादाद में कामगारों के घर लौटने से अब द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में जरूरतमंदों के बीच खाना बांटने का अभियान धीमा पड़ गया है। लॉकडाउन के दौरान जिला दक्षिणी-पश्चिमी के साथ मिलकर जहां इस्कॉन पांच लाख 16 हजार जरूरतमंदों का पेट भर रहा था, वह संख्या घटकर अब एक लाख 34 हजार रह गई है। 3 जून तक कामगारों को भेजने की कवायद चलेगी, ऐसे में अंदेशा है कि आने वाले दिनों में लोगों की संख्या और घटेगी।


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