इराक जो मैंने देखा, पुस्तक का विमोचन
फोटो: 2 त िकिे किें किें किें किें किें किें किें किें किें किं कि्िरें
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दैनिक इंकलाब उर्दू दिल्ली के संपादक डॉ. यामिन अंसारी की पुस्तक इराक जो मैंने देखा का विमोचन इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर के उपकुलपति पद्मश्री प्रो. अख्तरुल वासे ने किया। इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. इब्ने कंवल, जेएनयू के प्रो. ऐनुल हसन, कांग्रेस पार्टी कर्नाटक के महासचिव आगा सुल्तान, इस्लामिक स्कॉलर मौलाना डॉ. यासीन अली उस्मानी, इंकलाब (उत्तर भारत) के संपादक शकील हसन शम्सी तथा इराक दौरे पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी पत्रकार मौजूद थे।
वर्ष 2010 में भारतीय पत्रकारों का एक दल इराक दौरे पर गया था। इसके प्रतिनिधिमंडल में डा. यामिन अंसारी भी शामिल रहे थे। उन्होंने वहां के राजनैतिक, सामाजिक तथा भौगोलिक हालात किताब के पन्नों में शब्द बनाकर सहेजे हैं। उन्होंने लिखा है कि वैश्विक स्तर पर जारी आंतकवादी गतिविधियों से इराक भी अछूता नहीं है। अख्तरुल वासे ने कहा कि मक्का और मदीना के बाद इराक की धरती सम्मान के काबिल है, क्योंकि यहां शहीदाने कर्बला के साथ-साथ बड़े-बड़े सूफी संत व इमाम दफ्न हैं।
डॉ. यामिन अंसारी ने इस दौरे का आयोजन करने वाले आगा सुल्तान का धन्यवाद किया।