मेरा मुकाबला किसी और से नहीं, खुद से है
रियलिटी शो 'इंडियन आइडल 10' के प्रतिभागी विभोर पराशर के लिए वह लम्हा किसी सपने से कम नहीं था, जब दिल्ली में उनका स्वागत करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कल तक जिन गलियों में वह यूं ही घूमा करते थे, उन्हीं गलियों में उनको एक नजर देखने के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी थीं। गलियों को फूलों से ऐसे सजाया गया मानो किसी की बारात आ रही हो।
मीरा सिंह, नोएडा
रियलिटी शो 'इंडियन आइडल 10' के प्रतिभागी विभोर पराशर के लिए वह लम्हा किसी सपने से कम नहीं था, जब दिल्ली में उनका स्वागत करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कल तक जिन गलियों में वह यूं ही घूमा करते थे, उन्हीं गलियों में उनको एक नजर देखने के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी थीं। गलियों को फूलों से ऐसे सजाया गया मानो किसी की बारात आ रही हो।
इंडियन आइडल अंतिम पड़ाव पर है। 23 दिसंबर को शो का ग्रैंड फिनाले है। पीतमपुरा (वेस्ट दिल्ली) के रहने वाले विभोर पराशर टॉप 6 प्रतिभागियों में से एक हैं। फिनाले से ठीक पहले विभोर जब परिवार से मिलने दिल्ली पहुंचे तो डीएवी मॉडल स्कूल भी गए, जहा से उन्होंने पढ़ाई की है। यहा शिक्षक और छात्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। स्कूल के बाहर विभोर का पोस्टर लगा कर उन्हें टॉप 6 में शामिल होने की बधाई दी गई। वहीं स्कूली छात्रों ने गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया। खासकर शिक्षकों से प्यार और सम्मान पाकर विभोर अभिभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी इस तरह स्वागत नहीं किया गया। इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। कुछ महीनों में ही सबकुछ कितना बदल गया है। कल तक जहा एक छात्र की तरह पढ़ता था, आज वहा किसी सेलिब्रिटी की तरह सम्मान मिलना किसी सपने से कम नहीं है। मा से मिला खास उपहार
विभोर के लिए सबसे भावुक पल वह था, जब वह मा से मिले। मिलते ही दोनों की आंखें खुशी से छलक पड़ीं। महीनों बाद बेटे से मिलने की खुशी में मा ने विभोर के लिए मनपसंद भोजन बनाए। विभोर को छोले-भटूरे बेहद पसंद हैं, इसलिए मा ने बेटे का स्वागत इसी से किया। मेरा मुकाबला खुद से
विभोर कहते हैं कि इस शो में उनका मुकाबला किसी और से नहीं, खुद से है, क्योंकि शो में जितने भी प्रतिभागी आए हैं, सब जीतने के लिए ही आए हैं। उनका मानना है कि संगीत के साथ कभी मुकाबला किया ही नहीं जा सकता, क्योंकि यह प्रभु का दिया हुआ वरदान है। अब तक का सफर बहुत अच्छा
इतने सारे प्रतिभागियों के बीच से टॉप 6 तक पहुंचना अपने आप में बड़ी बात है। ये अलग बात है कि विजेता एक ही होगा, लेकिन इस शो से जो सम्मान व पहचान मिली, वह किसी उपलब्धि से कम नहीं है। उनका अब तक का सफर बहुत अच्छा रहा है। यहा से जुड़ी खूबसूरत यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी। दादी का साथ मिला
विभोर कहते हैं कि बचपन से लेकर अब तक हर कदम पर दादी ने उनका साथ दिया। आज वह जो कुछ भी हैं, उन्हीं के आशीर्वाद से हैं। वह प्यार से अपनी दादी को गर्लफ्रेंड कहते हैं। दादी की कर्मठता को देखकर उन्हें ऊर्जा मिलती है।