आत्मनिर्भर भारत पर ध्यान केंद्रित कर रहा आइआइटी दिल्ली
बजट 300 फीसद तक बढ़ा है। साथ ही संस्थान का नाम विश्व के दस शिक्षण संस्थानों में शुमार हैं जिनके छात्रों ने बड़ी कंपनियों को अब तक स्थापित किया है। आइआइटी दिल्ली के छात्र इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि वह नौकरी देने वाले बने नौकरी लेने वाले ना बने।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली आत्मनिर्भर भारत की तरफ ध्यान केंद्रित करने की तैयारी कर रहा है। सामाजिक समस्याओं का निवारण करने के लिए संस्थान ने बीते कुछ वर्षो में कई तरह की तकनीकें विकसित की हैं और स्टार्टअप स्थापित किए गए हैं। इसी वर्ष मार्च से लेकर अब तक जून में संस्थान के प्रोफेसर व शोधकर्ताओं ने कोविड-19 महामारी से लड़ाई की दिशा में कई किफायती तकनीकों का विकास किया है जिससे स्वास्थ्य कर्मियों समेत आम नागरिकों को भी लाभ मिला है। संस्थान ने अब तक आरामदायक पीपीई किट, किफायती मास्क जैसे कई उत्पाद तैयार किए हैं। अब संस्थान जल्द ही किफायती वेंटिलेटर तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। वहीं अगले वर्ष तक संस्थान अपने कैंपस में एक रिसर्च पार्क की भी स्थापना कर लेगा। जिसमें सौ स्टार्टअप काम कर रहे होंगे। इन सभी को आइआइटी दिल्ली की तरफ से सहयोग और समर्थन मिलेगा। आइआइटी दिल्ली के अनुसार बीते कुछ वर्षो में टेक्नोलॉजी स्टार्टअप व शोध प्रोजेक्ट व सुविधाओं को सहयोग देते हुए संस्थान ने 350 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अब संस्थान ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि वह 2021 से हर वर्ष 200 पेटेंट फाइल करेगा। अभी तक संस्थान हर वर्ष 150 पेटेंट फाइल करता था। जब किसी नई तकनीक को शोधकर्ता विकसित करते हैं तब उसका पेटेंट फाइल करते हैं, जिससे कोई अन्य उस तकनीक की नकल न कर सके या उस तकनीक का उपयोग करते हुए उसका उत्पादन शुरू न कर दे। इस सब गतिविधियों को पेटेंट रोकता है।
वहीं आइआइटी दिल्ली फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के एमडी डॉ. अनिल वाली ने कहा कि संस्थान अगले वर्ष मार्च तक अपने कैंपस में नया रिसर्च पार्क स्थापित करने की तैयारी कर रहा है जिसमें सौ स्टार्टअप काम करेंगे। इन सभी स्टार्टअप को आइआइटी दिल्ली सहयोग देगा।
नौकरी देने वाले बन रहे हैं संस्थान के छात्र : आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने बुधवार को बयान जारी करते हुए कहा कि बीते चार वर्षो में संस्थान का शोध बजट 300 फीसद तक बढ़ा है। साथ ही संस्थान का नाम विश्व के दस शिक्षण संस्थानों में शुमार हैं, जिनके छात्रों ने बड़ी कंपनियों को स्थापित किया है। आइआइटी दिल्ली के छात्र इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि वह नौकरी देने वाले बनें।