प्रशासन नहीं करेगा सख्ती तो कैसे होगी संक्रमण से सुरक्षा
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर रोकथाम के लिए एक तरफ स्वास्थ्य विभाग व केंद्र सरकार जिला प्रशासन को सख्ती बरतने के आदेश दे रहा है तो दूसरी तरफ दक्षिणी-पश्चिमी जिले में प्रशासन का ढोलमोल नजरिया देखने को मिल रहा है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर रोकथाम के लिए एक तरफ स्वास्थ्य विभाग व केंद्र सरकार जिला प्रशासन को सख्ती बरतने के आदेश दे रहा है, तो दूसरी तरफ दक्षिणी-पश्चिमी जिले में प्रशासन का ढुलमुल नजरिया देखने को मिल रहा है। दिल्ली के सबसे आबादी वाले दक्षिणी-पश्चिमी जिले में सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन हैं। इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई सख्ती देखने को नहीं मिलती है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासन की तरफ से बीते 20 दिनों में अभी तक बिना मास्क के सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वालों, कंटेनमेंट जोन में घूमने वाले लोगों के खिलाफ, शारीरिक दूरी के नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ, सार्वजनिक स्थान पर थूकने व पान और तंबाकू का सेवन करने वालों के खिलाफ एक भी चालान नहीं किया गया है। आलम यह है कि लोग स्वास्थ्य विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं।
असल में 16 जून को स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस व निगम के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी अधिकार दिया था कि वे लोगों के चालान काटें, ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और लोग नियम का पालन करने के लिए बाध्य हों। अधिकारी अपने कर्तव्य का निर्वाह ठीक से नहीं कर रहे, जिसके कारण जिले में कई जगह लोग बिना मास्क के सार्वजनिक जगह पर घूमते हुए नजर आते हैं। विशेषकर सब्जी मंडी में विक्रेता दिखावा मात्र के लिए मास्क लगाते हैं। बिना कार्रवाई के लोगों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। चौक-चौराहों, गली-मोहल्ले व सड़क किनारे पनवाड़ी की दुकानों पर लोग सार्वजनिक स्थान पर न सिर्फ पान व तंबाकू का सेवन करते नजर आते हैं, बल्कि वहीं थूकते भी दिखते हैं। बाजारों, बसों व सब्जी मंडी में शारीरिक दूरी का नियम ताक पर रखा जा रहा है। सिविल डिफेंस वॉलेंटियर की आंखों के सामने नियमों की अवहेलना होते हुए देखी जाती है। चालान के साथ-साथ प्रशासन की तरफ से लोगों को इस दिशा में जागरूक करने का अभियान भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है। जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं, उनकी सुध लेने में भी प्रशासन असमर्थ साबित हो रहा है। आलम यह है कि जरूरी सामान लेने के लिए घर से निकलना लोगों की मजबूरी बन गया है। कार्यालय में भी नहीं हो रहा नियम का पालन : लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के जारी आदेश के मुताबिक सरकारी व निजी कार्यालय में बिना किसी थर्मल स्क्रीनिग व सैनिटाइजेशन के कर्मचारी को कार्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पर अफसोस की बात है कि प्रशासन अपने ही कार्यालय में इस नियम का पालन करता नजर नहीं आता है।
कापसहेड़ा स्थित जिला उपायुक्त कार्यालय, द्वारका सेक्टर-10 स्थित एसडीएम द्वारका कार्यालय व नजफगढ़ एसडीएम कार्यालय कहीं भी न लोगों की थर्मल स्क्रीनिग होती है और न हाथों का सैनिटाइजेशन। इस बाबत जिला उपायुक्त राहुल सिंह को फोन किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।