कोरोना के लक्षण हैं तो घर न बैठें, जांच जरूर कराएं
डॉक्?टर कहते हैं कि वैसे तो यदि लक्षण हल्?के हैं और मरीज खुद होम आइसोलेशन में रहते हुए बुखार व खांसी की दवा ले रहा है तो ज्?यादा चिता की बात नहीं है। फिर भी यदि कोरोना वायरस से मिलते जुलते लक्षण हों तो उसे नजरअंदाज न करें।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी में कोरोना वायरस का संक्रमण दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों में जांच व फीवर क्लीनिक में स्क्रीनिग के लिए लंबी लाइनें भी लग रही हैं। लेकिन, कई ऐसे लोग भी हैं जो अस्पताल की परेशानी से बचाने और जांच में आने वाली परेशानियों के डर से हल्का बुखार व खांसी होने पर जांच कराने से भी परहेज कर रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि यदि कोरोना वायरस से मिलते-जुलते लक्षण हों तो उसे नजरअंदाज न करें। उसकी जांच जरूर कराएं, क्योंकि जांच दूसरों में संक्रमण रोकने में भी मददगार है।
एम्स के जेरियाट्रिक मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर डॉ. विजय गुर्जर ने कहा कि कई लोग बताते हैं कि दो-तीन दिन के हल्के बुखार के बाद वे ठीक हो गए। यदि वे जांच नहीं कराते हैं और घर से बाहर निकलना शुरू कर देते हैं तो उससे दूसरे लोगों को संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा जांच का सबसे बड़ा फायदा यह है कि रिपोर्ट आने पर संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान कर उनकी भी जांच कराई जाती है ताकि संक्रमण समुदाय में आगे न फैले। इसलिए जरूरी है कि लक्षण होने पर जांच जरूर कराएं। यह मानकर कि कुछ दिन में बीमारी स्वत: ठीक हो जाएगी, घर में न बैठें।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय लेखी ने कहा कि दिक्कत यह है कि लोगों को सैंपल देने के लिए अस्पतालों में घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से लोग जांच कराने से घबराते हैं। फिर भी जांच जरूर करानी चाहिए।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण काफी फैल चुका है। इसलिए हल्का बुखार व खांसी होने पर यदि कोई जांच नहीं कराता है और पूरी तरह होम आइसोलेशन में रहता है तो कोई खास दिक्कत नहीं है। बशर्ते होम आइसोलेशन का पूरा पालन हो और खांसी व बुखार ठीक होने के बाद भी 14 दिन की होम आइसोलेशन पूरा करे।