बताएगा मोबाइल APP, कितनी देर में आएगी बस
बस स्टॉप पर बस का घंटों इंतजार करना बहुत बुरा लगता है, लेकिन यदि आपको अपने मोबाइल के जरिये यह पता चल जाए कि आपकी बस कितनी देर में आएगी तो आप जरूर राहत महसूस करेंगे। दिल्ली सरकार इसी तरह की योजना पर काम कर रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बस स्टॉप पर बस का घंटों इंतजार करना बहुत बुरा लगता है, लेकिन यदि आपको अपने मोबाइल के जरिये यह पता चल जाए कि आपकी बस कितनी देर में आएगी तो आप जरूर राहत महसूस करेंगे। दिल्ली सरकार इसी तरह की योजना पर काम कर रही है।
बृहस्पतिवार को दिल्ली का बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक एकीकृत सिस्टम तैयार किया जाएगा। जिससे बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे लोगों को मोबाइल एप के जरिए यह पता चल जाएगा कि कितनी देर में कौन सी रूट की बस आएगी।
इसके अलावा यह जानकारी बस स्टॉप पर लगे इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड पर भी उपलब्ध होगी। दिल्ली सरकार ने शहर में 1200 नए बस शेल्टर बनाने की भी घोषणा की है।
मालूम हो कि दिल्ली में बसों के आने की सूचना देने के लिए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दो सौ बस स्टॉप पर इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड लगाए गए थे।
पार्किंग की किल्लत
डीटीसी के बेड़े में नई बसों की आपूर्ति के साथ पार्किग की किल्लत परिवहन विभाग के लिए चुनौती से कम नहीं है। विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बस डिपो बनाने के लिए डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) की जो शर्ते हैं, सरकार उन्हें पूरा करने की स्थिति में नहीं है।
जब जमीन का इस्तेमाल बसों की पार्किग व डिपो के लिए होगा, तो दिल्ली सरकार डीडीए से बाजार मूल्य पर जमीन क्यों खरीदे? सिसोदिया के अनुसार सरकार अगले एक साल में डीटीसी के बेड़े में कम से कम 10 हजार बसों को शामिल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इनकी पार्किग के लिए 500 एकड़ जमीन चाहिए। डीडीए प्रति एकड़ चार करोड़ रुपये मांग रहा है।
सरकार जमीन के एवज में 2000 करोड़ रुपया देने की स्थिति में नहीं है। इस कारण दिल्ली सरकार ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध कराने की बात कही है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द जमीन दिलाएगी। सार्वजनिक परिवहन सेवा को तभी बढ़ावा दिया जा सकता है, जब जनता को सुविधाएं मिलेंगी।