पार्षदों के सरकारी दफ्तर में पति के बैठने पर रोक
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी निगम में सरकारी पदों पर आसीन पार्षदों के पति या रिश्तेदार अब उ
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी निगम में सरकारी पदों पर आसीन पार्षदों के पति या रिश्तेदार अब उनके दफ्तर में नहीं बैठ पाएंगे और न ही वह अधिकारियों की बैठक ले सकेंगे। महापौर आदेश गुप्ता ने सदन की बैठक में निर्देश दिया कि निगम के पद पर आसीन कोई भी महिला पार्षद अपने सरकारी दफ्तर में पति या रिश्तेदार को न बैठाएं। इसके साथ ही अधिकारी भी पार्षद के स्थान पर किसी अन्य के आदेश को न मानें, क्योंकि यह निगम के कानून का उल्लंघन है।
दरअसल, मंगलवार को उत्तरी निगम की सदन की बैठक चल रही थी। इसी बीच नरेला से पार्षद सविता ने आरोप लगाया कि नरेला जोन की अध्यक्ष रीना देवी के दफ्तर में उनके पति धर्मेद्र बैठते हैं और अधिकारियों को निर्देश देते हैं। इसके बाद कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल ने भी आरोप लगाया कि स्थायी समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी के दफ्तर में उनके पति गुलशन विरमानी बैठते हैं। मुकेश गोयल ने कहा कि महिला पार्षदों के दफ्तर में उनके सिवाय किसी अन्य का बैठना निगम के कानून के खिलाफ है। इसपर महापौर ने आदेश दिया कि किसी भी महिला पार्षद का पति उनके दफ्तर में न बैठे और न ही अधिकारियों को निर्देश जारी करें। अगर, कोई ऐसा कर रहा है तो यह गलत है।
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रीना के पति ने महापौर के आदेश को किया खारिज
इसपर नरेला जोन की अध्यक्षा रीना के पति धर्मेद्र ने कहा कि महापौर कौन होते हैं, यह आदेश देने वाले कि अध्यक्ष के कार्यालय में कौन बैठे और कौन नहीं। वह लोगों की मदद के लिए कार्यालय में बैठते हैं, लेकिन उनकी कुर्सी पर नहीं बैठते हैं।