पैनल पर इलाज के लिए किया मना तो रद हो सकता अस्पताल का लाइसेंस
पैनल के 121 अस्पताल नर्सिंग होम और लैब को अपने कर्मियों की शिकायत का हवाला देते हुए चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने निजी अस्पतालों और लैब को चेतावनी दी है कि अगर पैनल में सूचीबद्ध कोई भी अस्पताल उनके कर्मियों और अधिकारियों को कोरोना के इलाज के लिए केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) समझौते के तहत इलाज करने से मना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एनडीएमसी पैनल के 121 अस्पताल, नर्सिंग होम और लैब को अपने कर्मियों की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि कई पैनल के सूचीबद्ध अस्पताल सीजीएचएस शर्तों के अनुसार इलाज से इन्कार कर रहे हैं और नगद भुगतान के लिए दबाव डाल रहे हैं। ऐसा करने वाले अस्पतालों, लैब और नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि एनडीएमसी के पैनल से सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा है।
सीजीएचएस शर्तों के अनुसार, एनडीएमसी के पास शर्तों का उल्लंघन करने पर संबंधित अस्पताल, नर्सिंग होम और लैब का लाइसेंस रद करने का अधिकार है। साथ ही इन अस्पतालों का सीजीएचएस पैनल से भी करार खत्म किया जा सकता है।
एनडीएमसी ने यह भी कहा कि अस्पताल कर्मियों के उपचार या भर्ती करने के लिए इन्कार करेंगे तो इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। साथ ही आइसीएमआर को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। एनडीएमसी ने कहा कि हमने अपने सभी नियमित कर्मियों के साथ ही सभी संविदा आधार पर कार्य करने वाले कर्मियों को भी पैनल के इलाज की सुविधा दे रखी है। यह नियमों का उल्लंघन है : एनडीएमसी
एनडीएमसी ने बयान जारी कर कहा कि यह सीधे तौर पर अस्पतालों व लैब द्वारा सीजीएचएस और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के प्रोटोकॉल के साथ दर्ज किए गए समझौते के नियम व शर्तों का उल्लंघन है। एनडीएमसी ने कहा कि हमने पहले ही सभी पैनल के अस्पतालों व लैब में कोरोना के इलाज के लिए मंजूरी दे दी है। इससे अस्पताल जो बिल का दावा करेंगे उसका नियमानुसार भुगतान किया जाएगा। चार कर्मियों की हो चुकी है कोरोना से मौत
एनडीएमसी में स्थायी और अस्थायी मिलाकर 15 हजार कर्मचारी हैं। एनडीएमसी में 60 से ज्यादा कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और चार कर्मियों की जान भी जा चुकी है।