मोहल्ला क्लीनिक बनाने की प्रक्रिया पर कोर्ट ने उठाए सवाल
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक बनाने की प्रक्रिया पर हाई कोर्ट न
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक बनाने की प्रक्रिया पर हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि सिर्फ जमीन उपलब्ध होने से क्लीनिक नहीं खुल जाएगा। मोहल्ला क्लीनिक बनाते समय समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब सोमवार को सुनवाई के दौरान डीडीए ने कोर्ट को बताया कि उसने मोहल्ला क्लीनिक खोलने के लिए जगह चिह्नित कर ली है और एक सप्ताह के भीतर वह उसे सरकार को सौंप देगी। वहीं, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि मोहल्ला क्लीनिक के लिए उसने सरकार को 100 से अधिक प्लॉट सौंप दिए हैं।
पीठ ने कहा कि आपको (सरकार) जमीन मिल गई है, आप कैसे 107 क्लीनिक में कर्मचारी रखेंगे आपके पास कोई कैडर है। आप जमीन पहले चिह्नित करेंगे और भर्ती बाद में करेंगे। यह प्रक्रिया समग्र होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अब आप जल्द से जल्द क्लीनिक निर्माण और इसके लिए डॉक्टरों की नियुक्ति शुरू करने की दिशा में त्वरित कदम उठाइए। वहीं, एमसीडी ने कहा कि हमने सरकार के स्वास्थ्य विभाग से कुछ स्पष्टीकरण मागा है। सरकार से जवाब मिलने के बाद जगह मुहैया कराने के बारे में त्वरित कदम उठाया जाएगा।
बेंच ने सरकार के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह डीडीए, तीनों एमसीडी और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक करने और प्रस्तावित मोहल्ला क्लीनिक के लिए जगह चिह्नित करने के काम में और तेजी लाएं। ज्ञात हो कि एनजीओ जस्टिस फॉर आल ने यह याचिका दायर की है। याची अधिवक्ता खगेश झा ने राजधानी में केजरीवाल सरकार द्वारा करीब 870 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के सरकार के प्रस्ताव को तत्काल लागू करने की माग की है।