गायनी आपरेशन थियेटर बंद होने से बढ़ीं महिलाओं की मुश्किलें
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : नरेला क्षेत्र के दिल्ली सरकार के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल मे
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : नरेला क्षेत्र के दिल्ली सरकार के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के चलते लोग प्रभावित हो रहे हैं। यहां सुविधाओं के तौर पर आइसीयू व अल्ट्रासाउंड आदि की मशीनें तो हैं, लेकिन उन्हें चालू न किए जाने से लोगों को उन सुविधाओं से मरहूम रहना पड़ रहा है और दूरदराज के अस्पतालों में उन सुविधाओं के लिए धक्का खाना पड़ता है। इसके साथ ही यहां सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी के चलते भी कई विभागों में उचित चिकित्सा परामर्श सहित उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी के चलते महिलाओं संबंधी गायनी आपरेशन थिएटर (ओटी) कई साल से बंद पड़ा है। इस वजह से नरेला इलाके की महिलाओं को किसी भी प्रकार का आपरेशन करवाने के लिए दूरदराज के सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
डॉक्टरों की कमी इस अस्पताल में शुरू से ही रही है। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्राचार कर चुका है। अस्पताल में महिला ऑपरेशन थिएटर चलाने के लिए छह से सात सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की आवश्यकता होती है, लेकिन अभी यहां पर सिर्फ दो सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ही उपलब्ध हैं, जो डिलीवरी केस को हैंडल करती हैं। निर्धारित सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी के चलते महिलाओं की कई आपरेशन जिनमें बच्चेदानी, सीजेरियन व एसटेटनी आदि आपरेशन नहीं हो पाते। इस वजह से ऐसे केस को दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। इससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में सोनीपत निवासी एक महिला की बच्चेदानी को बदलना था, लेकिन सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी के चलते उन्हें चार माह तक ऑपरेशन की कोई भी डेट नहीं दी गई। इस वजह से उन्होंने रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल में नए सिरे से बच्चेदानी का उपचार करवाया।
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अभी हमारी एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर कुछ दिन से छुट्टी पर हैं। इस वजह से अभी हम महिलाओं की डिलीवरी के अलावा कोई दूसरा आपरेशन नहीं कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता महिला मरीज को सुरक्षित तौर पर उसका उपचार करके उसे घर पहुंचाने का है।
- डॉ योगेंद्र, उप चिकित्सा अधीक्षक, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल।