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पराली को लेकर अब सरकारों का नहीं चलेगा बहाना: केजरीवाल

जागरण संवाददाता बाहरी दिल्ली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने क

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 09:00 PM (IST)
पराली को लेकर अब सरकारों का 
नहीं चलेगा बहाना:  केजरीवाल
पराली को लेकर अब सरकारों का नहीं चलेगा बहाना: केजरीवाल

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने को लेकर अब किसी भी सरकार का कोई बहाना नहीं चलेगा, क्योंकि पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने पराली को खेतों में गलाकर खाद में बदलने का सस्ता व अच्छा समाधान दिया है। वे बुधवार को नरेला इलाके के हिरनकी गांव स्थित उस खेत का निरीक्षण करने पहुंचे थे, जिसमें उन्होंने गत 13 अक्टूबर को पराली को गलाने के लिए बायो डीकंपोजर (घोल) का छिड़काव किया था।

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खेत का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री मीडियाकर्मियों से मुखातिब थे। उनके साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कई विज्ञानी भी थे, जिन्होंने खेत से गली हुई पराली सहित मिट्टी के नमूने भी लिए। उन्होंने कहा कि पूसा इंस्टीटयूट के विज्ञानियों ने बायो डीकंपोजर बनाया है, जिसका छिड़काव उन्होंने बीस दिन पूर्व खेत में पराली पर किया था, आज पराली पूरी तरह से गलकर खाद में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में खेत में अब फसल की बुआई हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर पहली बार इस गंभीर समस्या का समाधान निकाला है और यह समाधान सस्ता है। ऐसे में मैं उम्मीद करता हूं कि यह आखिरी साल होगा कि किसी सरकार के पास पराली जलाने पर किसानों को तंग करने का कोई बहाना होगा। किसान भी इससे दुखी हैं और वह पराली नहीं जलाना चाहते हैं। मेरी पंजाब व हरियाणा के कई किसानों से बात हुई है, लेकिन अब समाधान मिल गया है। हम इस समाधान के बारे में सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि यह प्रभावशाली है। इस समाधान से पूसा इंस्टीट्यूट के विज्ञानी संतुष्ट हैं, वहीं किसान भी खुश हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जब समाधान मिल गया है तो अब कोई सरकार बहाना नहीं बना सकती है। बायो डीकंपोजर काफी सस्ता है। उन्होंने अन्य राज्यों की सरकारों से भी आगे आने की अपील की और कहा कि हालांकि इस बार देरी हो चुकी है, लेकिन सरकारें कोशिश करें तो पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को अभी भी जितना हो सकता है, कम किया जा सकता है। उन्होंने दिवाली में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जबाव में कहा कि गुरुवार को हमारी समीक्षा बैठक होगी, जिसमें पटाखों को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

गोपाल राय ने प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों पर फोड़ा ठिकरा

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह बायो डीकंपोजर पराली की समस्या से निपटने में एक क्रांतिकारी कदम है। अगर केंद्र सरकार और हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश की सरकारों ने समय पर दिल्ली सरकार की तरह पराली से निपटने को लेकर कदम उठाया होता और लापरवाही नहीं बरती होती तो दिल्ली के लोगों को इस कोरोना काल में प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता। दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 40 प्रतिशत योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली का ही है। उन्होंने आगे कहा कि जब दिल्ली सरकार केंद्रीकृत व्यवस्था करके बायो डीकंपोजर का दिल्ली के खेतों में निश्शुल्क छिड़काव करवा सकती है, तो केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों की सरकारें क्यों नहीं कर सकती हैं।


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