हुड्डा-कांडा की मुलाकात राजनीति में खिला सकती है नए गुल
लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी कांग्रेस प्रदेश में वापसी की तैयारी में जुट गई है। हालांकि, लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव काफी दूर हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में वह अपनी वापसी में जुट गई है।
गुड़गांव। लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी कांग्रेस प्रदेश में वापसी की तैयारी में जुट गई है। हालांकि, लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव काफी दूर हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में वह अपनी वापसी में जुट गई है।
इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के निवास स्थान पर जाकर सियासी पारे को गर्म कर दिया है। राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात के तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
यहां याद दिला दें कि कल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह एवं जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष राव कमलवीर सिंह की माता की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने आए हुए थे। सभा में शामिल होने के कुछ ही देर बाद हुड्डा सीधे गोपाल कांडा के सिविल लाइंस स्थित निवास स्थान पर पहुंच गए।
यह सूचना जंगल में आग की तरफ राजनीतिक गलियारों में पहुंची। इसके बाद से तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दूसरे कार्यकाल की सरकार बनाने में कांडा ने भी बढ़-चढ़कर मदद की थी। इसका इनाम हुड्डा ने गृह राज्यमंत्री बनाकर दिया था। बाद में दोनों के बीच खटास पैदा हो गई थी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेंद्र भारद्वाज कहते हैं कांडा के घर पर जाने का सियासी मतलब निकालना गलत है। गोपाल कांडा ने चाय पीने का अनुरोध किया था, जिसे हुड्डा साहब ने स्वीकार कर लिया। कांडा के बाद भोजन पर हुड्डा साहब पूर्व मंत्री राव धर्मपाल के घर गए। इसमें राजनीति कहां से दिख रही है?