DELHI: आतंकी संगठन IS के खिलाफ देश में पहली FIR
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुकदमा दर्ज किया है। सेल की आतंक रोधी यूनिट में मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि आइएस के खिलाफ देश में यह पहली एफआइआर है।
नई दिल्ली। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुकदमा दर्ज किया है। सेल की आतंक रोधी यूनिट में मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि आइएस के खिलाफ देश में यह पहली एफआइआर है।
सूत्रों की मानें तो मुकदमा करीब दो महीने पहले दर्ज किया गया और इसे बेहद गोपनीय रखते हुए केवल गृहमंत्रलय को सूचना दी गई थी। गत दिनों खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया था कि आइएस दिल्ली और आसपास के राज्यों में आतंकी हमले की योजना बना रहा है।
इसमें युवा शामिल हो सकते हैं। लिहाजा पुलिस ने युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है ताकि वे आइएस के संपर्क में न आएं। खुफिया एजेंसी आइबी ने भी जून में आतंकी हमले का इनपुट जारी किया था। इसमें बताया गया था कि आइएस भारत में आतंकी हमला कर दहशत फैला सकता है।
खासकर दिल्ली और आसपास का इलाका टारगेट पर है। आतंकी संगठन से जुड़े तुर्की नागरिक हमले में शामिल हो सकते हैं। खुफिया एजेंसी ने इस सूचना को राज्यों की पुलिस से साझा किया था। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की थी।
हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसी से मिले इनपुट में स्पष्ट जानकारी नहीं थी, केवल आशंका व्यक्त की गई थी। बावजूद इसके जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने आइएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन तेजी से भारत में जड़ें फैला रहा है।
वह खास समुदाय को संगठन से जोड़ रहा है। उनके निशाने पर ऐसे भारतीय युवा हैं, जो विदेश में रह रहे हैं और उसके सिद्धांत से प्रेरित हैं। पुलिस व खुफिया एजेंसियां आइएस से जुड़े लोगों की पहचान के साथ ही ऐसे युवकों की तलाश में लगी हैं, जिन्होंने सीरिया जाकर आतंकी संगठन से जुड़ने की इच्छा जताई थी।
एक वर्ष में एजेंसियों ने भारत के 25 ऐसे युवाओं की पहचान की है जो आइएस में शामिल हो सकते हैं। इसकी जानकारी के बाद तेलंगाना के 17 और महाराष्ट्र के चार युवकों को सीरिया जाने से रोका गया था। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार तो किया था, लेकिन कोई धारा नहीं लगाई थी। काउंसलिंग के बाद उनको छोड़ दिया था।
वहीं यूएई ने गत दिनों आइएस में शमिल होने का प्रयास करने वाले कुछ लोगों को भारत को सौंपा था। इसमें हैदराबाद की अफशा जाबीन भी थीं।