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लूट की झूठी साजिश रची, पुलिस ने किया गिरफ्तार

शकरपुर इलाके में टॉय गन से हमला कर 18 हजार रुपये की लूट के मामले को चंद घंटों में सुलझाते हुए पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू की तो पहली नजर में पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। पुलिस ने जब पीड़ित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने लूट का राज खोल दिया। उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ लूट की वारदात नहीं हुई थी। वह इसकी आड़ लेकर 18 लाख रुपये हड़पना चाहता था। इस मामले में पुलिस ने शिकायतकर्ता हेमंत को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके पास से 17 लाख 95 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 10:02 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 10:02 PM (IST)
लूट की झूठी साजिश रची, पुलिस ने किया गिरफ्तार
लूट की झूठी साजिश रची, पुलिस ने किया गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : शकरपुर इलाके में टॉय गन से हमला कर 18 हजार रुपये की लूट के मामले को चंद घंटों में सुलझाते हुए पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू की तो पहली नजर में पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। पुलिस ने जब पीड़ित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने लूट का राज खोल दिया। उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ लूट की वारदात नहीं हुई थी। वह इसकी आड़ लेकर 18 लाख रुपये हड़पना चाहता था। इस मामले में पुलिस ने शिकायतकर्ता हेमंत को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके पास से 17 लाख 95 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं।

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पूर्वी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया कि हेमंत उस्मानपुर में रहता है। वह एक चिट फंड कंपनी में काम करता है। सोमवार को चार बजे यमुना पुल से आइटीओ की ओर जा रहा था। उसके पास कंपनी के 18 लाख रुपये थे। रास्ते पर उसने लूट की कहानी गढ़ डाली, आरोपी ने उस जगह को चुना, जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। उसने पुलिस को जानकारी दी थी वह चांदनी चौक की तरफ जा रहा था। पुल पर बदमाशों ने उस पर टॉय गन से फायर करके स्कूटी में रखा बैग लूट लिया। बैग में 18 हजार रुपये थे। पुलिस ने केस दर्ज कर एसीपी प्रीत विहार राजबीर सिंह के नेतृत्व में थानाध्यक्ष संजीव शर्मा, एसआइ अजय और कांस्टेबल विकास की टीम का गठन किया। टीम ने जांच शुरू की तो कंपनी के मालिक से पूछताछ में पता चला हेमंत के पास कलेक्शन के 18 लाख रुपये थे। इस रकम को उसे कंपनी में जमा करवाना था। इसके बाद पुलिस को हेमंत पर शक हुआ। हेमंत से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। उसने बताया कि कोई लूट नहीं हुई थी। उसने कंपनी का पैसा हड़पने के लिए ये झूठी कहानी रची थी। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपित पुलिस को गुमराह करने के लिए अपने घर से हाथ पर किसी नुकीली चीज से चोट मारकर आया था। ताकि पुलिस को लगे उसके साथ घटना हुई है। इसके बाद उसने वारदात वाली जगह पर पहुंचकर लघुशंका की और फिर पुलिस को फोन कर लूट की सूचना दी।


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