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प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र ने छह साल में कई उपाय किए: पर्यावरण मंत्रालय

राज्य ब्यूरोनई दिल्ली प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के दावों को खाि

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 11:31 PM (IST)
प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र ने छह साल में कई उपाय किए: पर्यावरण मंत्रालय

राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली

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प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के दावों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा मंगलवार को प्रेसवार्ता कर लगाए गए आरोपों के जवाब में अपना पक्ष जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने वायु प्रदूषण कम करने के प्रभावी कदम उठाए हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर अपनी निष्क्रियता के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया।

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को समाप्त करने के लिए काम करने में विश्वास करती है। सरकार ने पिछले छह वर्षो में कई वायु प्रदूषण विरोधी पहल की है। मंत्रालय ने कहा कि इस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रतिदिन साठ हजार ट्रक अब दिल्ली में प्रवेश नहीं करते हैं। यह केंद्र सरकार का बड़ा कदम है। इससे प्रदूषण के मामले में बड़ी राहत मिली है। केंद्र ने बदरपुर थर्मल प्लाट को बंद कर दिया है। पंजाब व हरियाणा सरकार को पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को 1400 करोड़ रुपये आधुनिक मशीन खरीदने के लिए दिए गए हैं। इससे प्रदूषण में 15 से लेकर 20 फीसद तक कमी आई है। एनसीआर के 2800 ईंट-भट्ठों के लिए नई तकनीक विकसित की गई है, जिससे वायु प्रदूषण कम होगा। राजधानी में कचरे से बिजली बनाने वाले तीन बिजली घर 57 मेगावाट बिजली बना रहे हैं। 65000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वीएस-6 मानक के अनुरूप वाहनों और ईंधन को लाया गया है। इससे वाहनों के प्रदूषण को काफी हद तक कम कर दिया गया है। एनसीआर के 2600 उद्योगों को पीएनजी फ्यूल पर परिवíतत किया गया है। 2016 में पहली बार निर्माण अपशिष्ट प्रबंधन से धूल प्रदूषण को कम किया गया। तीन कारखाने निर्माण कचरे से सड़क के किनारे उपयोग में लाई जाने वाली टाइल्स को बनाते हैं। डीडीए द्वारा बड़े स्तर पर धूल दबाने के लिए पानी के छिड़काव वाले वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। एनसीआर में पेट्रोल और डीजल के सभी रिटेल आउटलेट्स में प्रदूषण को कम करने के लिए सिस्टम लगाया गया है। मार्च में कैबिनेट सचिव की बैठक की शुरुआत करते हुए पर्यावरण मंत्रियों और एनसीआर राज्यों के प्रमुख अधिकारियों की कई बैठकें आयोजित की गई हैं।


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