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बच्चों की पढ़ाई को लेकर मंथन में जुटा निगम

सुधीर कुमार पूर्वी दिल्ली कोरोना संकट की वजह से निगम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाइ

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 12:07 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 12:07 AM (IST)
बच्चों की पढ़ाई को लेकर मंथन में जुटा निगम

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली

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कोरोना संकट की वजह से निगम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। जहां प्राइवेट स्कूलों के बच्चे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं निगम स्कूलों के बच्चे चार माह से घर बैठे हैं। अब आगे भी कब स्कूल खुलेंगे, यह तय नहीं है।

इसी वजह से पूर्वी निगम का शिक्षा विभाग मंथन में जुट गया है। बच्चों के लिए स्कूल 31 जुलाई तक बंद है, लेकिन शिक्षकों के लिए स्कूल एक जुलाई से खुल गया है। वे बच्चों से जुड़े आंकड़े जुटाने में जुट गए हैं। जिससे उनकी पढ़ाई जारी रखी जा सके।

गौरतलब है कि निगम स्कूल पांच मार्च को ही बंद हो गए थे। नए सेशन के लिए अप्रैल में जब स्कूल खुलना था तब लॉकडाउन हो गया। प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है, लेकिन निगम स्कूलों में ऐसा नहीं हो पाया है। कई स्कूलों के शिक्षकों ने अपने-अपने स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों की पढ़ाई शुरू करवाई थी, लेकिन आधे बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन ही नहीं हैं। जिनके पास फोन है भी वह कभी रिचार्ज खत्म होने या कभी अन्य वजहों के कारण पढ़ाई नहीं कर सके। सिर्फ 20 प्रतिशत बच्चे ही इस माध्यम से जुड़े रहे।

हर क्लास टीचर बच्चों से संबंधित सारी सूचना जुटा रहे हैं, जिससे निगम व जोन स्तर पर आंकड़े तैयार किए जा सकें। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में कामगार परिवार समेत दिल्ली छोड़कर अपने-अपने गांव लौट गए। निगम स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे बच्चों की संख्या भी अच्छी खासी है जो गांव चले गए हैं। इनकी सूची भी तैयार हो रही है। शिक्षक बच्चों के लिए वर्कशीट भी तैयार करने में जुट गए हैं, जिससे कि बच्चे घर पर पढ़ाई कर सकें। साथ ही उनकी पढ़ाई कैसे ऑनलाइन करवाई जा सकती है इसके विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं।

किताब-कॉपियां भी नहीं मिली हैं बच्चों को

निगम स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को निगम की तरफ से ही किताब व कॉपियां मुहैया कराई जाती हैं, लेकिन इस बार अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। अब स्कूलों में किताबें पहुंचनी शुरू हुई हैं। इसके बाद इसे वितरित किया जाएगा।

निगम की ओर से हर बच्चे को 1100 रुपये ड्रेस, जूते व बैग के लिए दिए जाते हैं। इसके अलावा छात्राओं को 500 रुपये अतिरिक्त दिए जाते हैं। अनुसूचित जाति के बच्चों को भी छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके साथ ही बच्चों को मिड-डे मील की राशि भी उनके खातों में दी जा रही है। शिक्षक यह आंकड़ा भी जुटा रहे हैं कि सभी के खाते में कल्याणकारी योजना की राशि पहुंच रही है या नहीं। करीब 10 फीसद ऐसे भी बच्चे हैं, जिनके खाते नहीं हैं। अभी उन तक राशि नहीं पहुंची है।


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