स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के विद्यार्थियों को नेताओं का मिला समर्थन
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : डीयू के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के विद्यार्थी सुविधाओं की मांग करते हुए प्रदर्शनरत हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : डीयू के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के विद्यार्थी सुविधाओं की मांग को लेकर तीन दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ छात्र भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं। गुरुवार को उन्हें कई राजनीतिक दलों के नेताओं एवं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का भी समर्थन मिला। राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा विद्यार्थियों से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि छात्रों ने मुझे सूचना दी कि विभाग की ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) उनसे सही से बात नहीं करती हैं। यह तरीका सही नहीं है। विश्वविद्यालय की हालत पूरी तरह खराब है। मैंने मानव संसाधन विकास मंत्री से समय मांगा है। उनसे छात्रों की समस्याओं के संबंध में बात करेंगे।
कांग्रेस के कुछ पार्षद भी विद्यार्थियों से मिलने पहुंचे। वहीं, डूटा के सदस्यों ने विद्यार्थियों से कहा कि वे डीयू की कार्यकारी परिषद (इसी) के सदस्यों से आग्रह करेंगे कि कुलपति के समक्ष विभाग को फंड मुहैया कराने की बात रखें। एनएसयूआइ की राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रुचि गुप्ता ने कहा कि स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर आठ महीने से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी बात नहीं सुन रहा है।
विभाग की ओएसडी मनस्वी योगी ने कहा कि छात्रों की परेशानी की जानकारी हमे हैं। विद्यार्थियों की मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमें विद्यार्थियों से समर्थन चाहिए। ये हैं मांगें
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि स्कूल ऑफ जर्नलिज्म विभाग के पांच साल के कोर्स की फीस पांच लाख रुपये है। एक सेमेस्टर की फीस 67 हजार रुपये है, लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है। मीडिया लैब की व्यवस्था नहीं है। 200 छात्रों के लिए सिर्फ एक कमरे का पुस्तकालय है। लैपटॉप तक नहीं मुहैया कराए गए हैं। विभाग की इमारत में एसी की भी ठीक व्यवस्था नहीं है।