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बिगड़ी बात को संभालना हुआ मुश्किल

पूर्वी निगम में सफाई कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार को विशेष सदन में सफाई कर्मचारियों की मांगों से जुड़े चार प्रस्ताव पारित करने के बाद निगम के कर्ताधर्ताओं को उम्मीद थी कि अब बात बन सकती है। लेकिन मंगलवार को आयुक्त डॉ. दिलराज कौर द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने में असमर्थता जताने के बाद बात बिगड़ गई। हड़ताल में शामिल यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय का घेराव कर दिया। यह देख निगम अधिकारियों ने दोनों गेट बंद करवा दिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 09:13 PM (IST)
बिगड़ी बात को संभालना हुआ मुश्किल
बिगड़ी बात को संभालना हुआ मुश्किल

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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पूर्वी निगम में सफाई कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार को विशेष सदन में सफाई कर्मचारियों की मांगों से जुड़े चार प्रस्ताव पारित करने के बाद निगम के कर्ताधर्ताओं को उम्मीद थी कि अब बात बन सकती है। लेकिन मंगलवार को आयुक्त डॉ. दिलराज कौर द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने में असमर्थता जताने के बाद बात बिगड़ गई। हड़ताल में शामिल यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय का घेराव कर दिया। यह देख निगम अधिकारियों ने दोनों गेट बंद करवा दिए। पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। सफाई कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद महापौर निर्मल जैन, स्थायी समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह, नेता सदन प्रवेश शर्मा और आयुक्त डॉ. दिलराज कौर ने यूनियन के नेताओं के साथ वार्ता शुरू की। कई दौर की वार्ता चली लेकिन शाम होते-होते यूनियनों ने हड़ताल वापस लेने से इन्कार कर दिया।

दरअसल, वार्ता में डॉ. दिलराज कौर ने आश्वासन दिया कि अप्रैल 1996 से मार्च 1998 तक दैनिक वेतनभोगी और एवजीदारों (दूसरे के स्थान पर कार्यरत) को नियमानुसार नियमित करने की प्रकिया आरंभ की जाएगी। लेकिन इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह का समय मांगा ताकि जोनल कार्यालयों से फाइलें मंगवाकर औपचारिकताओं का आकलन किया जा सके। परंतु सफाई कर्मचारी यूनियन ने एक सप्ताह के समय पर असहमति जताई और हड़ताल न वापस लेने का निर्णय किया। सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना था कि तुरंत प्रभाव से नियमित करने के आदेश जारी किए जाएं। महापौर निर्मल जैन ने कहा कि पूर्वी नगर निगम सफाई कर्मचारियों की मांगों के प्रति संवेदनशील हैं। क्योंकि सफाई कर्मचारी निगम के आधारभूत स्तंभ हैं और उनके सहयोग के बिना निगम अपने प्राथमिक कर्तव्यों की पूर्ति करने में सक्षम नहीं है। महापौर, स्थायी समिति अध्यक्ष तथा नेता सदन ने सफाई कर्मचारी यूनियनों से एक सप्ताह का समय देने और हड़ताल स्थगित करने का आग्रह किया पर सफाई कर्मचारी यूनियन ने इससे मना कर दिया। दरअसल यूनियन की तरफ से 2010 तक के सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग की जा रही है।

--- 16 दिन से जारी है हड़ताल, सफाई व्यवस्था बदहाल

अपनी मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी पिछले 16 दिनों से हड़ताल पर हैं। इसकी वजह से पूर्वी निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बदहाल हो गई है। हर तरफ कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। गंदगी बढ़ने से बीमारियां फैलने की आशंका से लोग परेशान हो रहे हैं। निगम के पास प्रतिदिन लोग शिकायतें भेज रहे हैं। लेकिन कहीं भी कूड़ा नहीं उठ रहा है। जिन वार्डों में निजी कंपनी काम रही है वहां भी सफाई कर्मचारी उसे कूड़ा नहीं उठाने दे रहे हैं।


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