एसओएल को मिला कॉलेज का दर्जा
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की सोमवार को हुई कार्यकारी परिषद (ईसी) बैठक मंगलवार को सुबह 11 बजे तक चली।इस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों को पास कर दिया गया है। ईसी के अध्यक्ष डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी की अगुवाई में हुई बैठक में परिषद के सदस्यों ने स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग को कॉलेज का दर्जा देने के एजेंडे को पास कर दिया है। साथ ही बैठक में डीयू में दो नए केंद्रों स्थापित करने पर भी आए एजेंडे को पास कर दिया गया है। जिसके अतिरिक्त सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज और स्कूल ऑफ पॉलिसी प्लानिग एंड गर्वनेंस (एसपीपीजी) जैसे दो नए केंद्रों को पास करने का फैसला हुआ है। दिव्यांगों के लिए नया केंद्र तैयार होने से इस श्रेणी के छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। इन छात्रों के लिए विभिन्न कोर्सों को भी शुरू किए जाएंगे। साथ ही यह भी एजेंडा लाया गया था कि मासिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी - मूक) के तहत ही डीयू कई नए ऑनलाइन कोर्स को शुरू किए जाएं। यह भी एजेंडा पास हो गया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक सोमवार सुबह 11 बजे से शुरू हुई और मंगलवार सुबह 11 बजे तक चली। डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी की अध्यक्षता में हुई बैठक में परिषद के सदस्यों ने स्कूल ऑफ ओपन लर्निग को कॉलेज का दर्जा देने के एजेंडे को पास कर दिया। डीयू में दो नए केंद्र स्थापित करने के एजेंडे को भी पास किया गया। इसके तहत दो केंद्र सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज और स्कूल ऑफ पॉलिसी प्लानिग एंड गवर्नेस (एसपीपीजी) स्थापित किए जाएंगे। दिव्यांगों के लिए नया केंद्र तैयार होने से इस श्रेणी के विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा। उनके लिए कई कोर्स शुरू होंगे। बैठक में यह एजेंडा भी पास हो गया कि मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी - मूक) के तहत ही डीयू में कई नए ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाएं। नॉर्थ कैंपस के लिए नया निदेशक, विश्वविद्यालय में होगी पदोन्नति
ईसी की बैठक में यह भी निर्णय हुआ है कि नॉर्थ कैंपस में नए निदेशक की पोस्ट निकाली जाएगी। वह नॉर्थ कैंपस के सभी कॉलेजों व विभागों का कामकाज देखेंगे। वहीं यूजीसी की शर्तो को भी डीयू में लागू कर दिया गया है। इससे लंबे समय से जिन शिक्षकों की पदोन्नति नई हुई थी, उनकी पदोन्नति हो सकेगी। नई नियुक्तियां भी की जाएंगी। इस फैसले से डीयू के शिक्षक प्रोफेसर पोस्ट तक पदोन्नति पा सकेंगे। पहले वे सिर्फ एसोसिएट प्रोफेसर ही बन सकते थे। --------------
एसएओल को कॉलेज का दर्जा मिलने से यह होगा फायदा
वर्ष 1999 से पहले स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एसओएल) को कॉलेज का दर्जा प्राप्त था। बाद में इसका नाम स्कूल ऑफ करेसपॉन्डेंस कर दिया गया था। वर्ष 2004 तक इसका नाम यही रहा, बाद में इसका नाम स्कूल ऑफ ओपन लर्निग किया गया। एसओएल में 2004 तक सेमेस्टर प्रणाली लागू थी, जिसे बाद में वार्षिक परीक्षा में बदल दिया गया। फिर से कॉलेज का दर्जा मिलने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जो भी छात्र एसओएल में दाखिला लेंगे, अगर उनके नंबर बहुत अच्छे होंगे तो उन्हें अन्य रेगलुर कॉलेज में दाखिले का अवसर मिलेगा। एसओएल में सेमेस्टर प्रक्रिया फिर लागू की जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से भी अतिरिक्त फंड मिलेगा। इससे एसओएल के शिक्षकों व छात्रों को फायदा होगा। डीयू प्रशासन की तरफ से इसकी मुख्य रूपरेखा भी नए सिरे से तय किए जाने की उम्मीद है। इसी शैक्षणिक सत्र से सेमेस्टर प्रक्रिया लागू होने की उम्मीद है। वहीं दोनों सेमेस्टरों में अच्छे अंक लाने पर अगले शैक्षणिक सत्र से अन्य रेगुलर कॉलेज में छात्र दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। डीयू में यह नियम है कि पढ़ाई के दौरान यदि छात्र के अच्छे अंक आते हैं तो वे दूसरे कॉलेज में भी दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं।