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मिलेगी सही जानकारी तो सुधार की राह पर दौड़ेगी रेल

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली विभागीय कार्रवाई से बचने के डर से रेलकर्मी खामियों की सही जानकारी

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 03:00 AM (IST)
मिलेगी सही जानकारी तो सुधार की राह पर दौड़ेगी रेल
मिलेगी सही जानकारी तो सुधार की राह पर दौड़ेगी रेल

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली

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विभागीय कार्रवाई से बचने के डर से रेलकर्मी खामियों की सही जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं देते हैं, लेकिन अब उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। उनके द्वारा उपलब्ध आंकड़ों की तुलना न तो पिछले वर्षो से की जाएगी और न ही इस आधार पर उनका गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) खराब होगा। रेल प्रशासन को उम्मीद है कि इससे रेलकर्मी सही जानकारी देने को प्रोत्साहित होंगे। इससे रेलवे को सुधार की राह पर दौड़ाने में मदद मिलेगी।

रेलवे के प्रति आम यात्रियों की धारणा बदलने को सुरक्षित रेल परिचालन के साथ ही ट्रेनों की लेटलतीफी भी दूर करनी होगी। इसके साथ ही अन्य सेवाओं में भी सुधार जरूरी है। इसके लिए छोटी से छोटी खामियों और इसके कारणों को सूचीबद्ध करना होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मामला ट्रेनों की लेटलतीफी का हो या इंजन, कोच या पटरी में खराबी या रेल दुर्घटना या फिर परियोजनाओं में हो रही देरी का, अक्सर इनकी सही जानकारी रेलवे बोर्ड तक नहीं पहुंचती है।

कोहरे के समय ही नहीं, पूरे साल ट्रेनें घंटों देरी से चलती हैं। हकीकत में ट्रेन जितनी विलंब से चलती है, वह रेलवे के रिकार्ड में दर्ज नहीं होता है। दरअसल, कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारी व कर्मचारी इस संबंध में गलत जानकारी रिकार्ड में दर्ज करते हैं। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी की सही स्थिति और इसके कारण की जानकारी नहीं मिल पाती है।

कई बार इंजन में खराबी, पटरियों की बदहाली, कोच की अनुपलब्धता सहित कई ऐसे कारण होते हैं, जिससे ट्रेन लेट होती चली जाती है, लेकिन इन कारणों को छिपा लिया जाता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। समयबद्धता का आकलन फीसद के बजाय ग्रेड प्रणाली से करने का फैसला भी किया गया है। इसी तरह से डाटा लॉगर को सेट्रल ऑफिस एप्लीकेशन से जोड़ने का काम भी चल रहा है।

इसी तरह से पटरियों की स्थिति, इंजन व कोच की खराबी, कमी आदि की भी सही जानकारी नहीं दी जाती है। इससे न सिर्फ ट्रेन परिचालन में बाधा आती है बल्कि दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। परियोजनाओं की सही स्थिति भी नहीं बताई जाती है, जिससे वह लेट होती चली जाती हैं। अब इन कमियों को दूर कर सही रिकार्ड दर्ज करने के लिए रेल प्रशासन ने वर्ष 2018-19 को शून्य वर्ष घोषित किया है, यानी इस वर्ष की समयबद्धता रिपोर्ट, रेल संपत्तियों में आई खराबी, दुर्घटनाओं आदि का तुलना पिछले वर्ष के रिकार्ड से नहीं होगी। इसे लेकर रेलवे बोर्ड की ओर से सभी क्षेत्रीय रेलवे को निर्देश जारी कर दिया गया है। अधिकारियों को सख्ती के साथ इसका पालन करने को कहा गया है। इसमें लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।


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