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Rail budget: प्रभु, इस बार NCR पर भी करिए नजर-ए-इनायत

रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज अपना रेल बजट पेश करने जा रहे हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को ढेरों उम्मीदें हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की बातें तो बहुत होती हैं, लेकिन इस दिशा में आशातीत प्रगति नहीं हुई है। दिल्ली-एनसीआर के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2016 08:22 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2016 07:31 PM (IST)
Rail budget: प्रभु, इस बार NCR पर भी करिए नजर-ए-इनायत

नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज अपना रेल बजट पेश करने जा रहे हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को ढेरों उम्मीदें हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की बातें तो बहुत होती हैं, लेकिन इस दिशा में आशातीत प्रगति नहीं हुई है। दिल्ली-एनसीआर के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है।

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यात्रियों की संख्या तो निरंतर बढ़ रही है, लेकिन उस अनुपात में रेल सुविधाओं का विस्तार नहीं हो रहा है। दैनिक यात्रियों की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं है। वर्षो पुरानी घोषणाओं पर भी अब तक अमल नहीं हो सका है। ट्रेनें अब भी घंटों देरी से अपने गंतव्य पर पहुंच रही हैं।

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टिकटों की दलाली से भी यहां के स्टेशन मुक्त नहीं हो सके हैं। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए यात्री प्रभु की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।

दैनिक यात्रियों की परेशानी नहीं हुई दूर

दिल्ली-एनसीआर तथा आसपास के शहरों से लाखों की संख्या में दैनिक यात्री लोकल ट्रेन से सफर करते हैं। इन दैनिक यात्रियों को भी रेल बजट से काफी उम्मीदें हैं। वे ईएमयू व मेमू ट्रेनों में शौचालय की व्यवस्था करने, इनका समय पर परिचालन करने के लिए जरूरी कदम उठाने तथा मुंबई की तर्ज पर यहां भी एसी लोकल ट्रेनें चलाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा इन ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग उठती रही है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की आस

राष्ट्रमंडल खेल से पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसके लिए जरूरी फंड उपलब्ध नहीं कराया गया। अब इसे निजी भागीदारी से विश्वस्तरीय बनाने की बात कही जा रही है।

दक्षिण कोरिया की टीम भी स्टेशन का दौरा कर चुकी है, इसलिए उम्मीद है कि इस रेल बजट में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने को लेकर कोई घोषणा की जाए। उधर, रेलवे भूमि पर अवैध कब्जा बड़ी समस्या है।

दिल्ली में रेलवे की 598798 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर 46 हजार से ज्यादा झुग्गियां बना दी गई हैं। जिससे शकूरबस्ती को मेगा टर्मिनल बनाने सहित अन्य रेलवे स्टेशनों के विकास कार्यो को आगे बढ़ाने में दिक्कत हो रही है।

दिल्ली रेलवे स्टेशन का करना होगा पुनर्विकास

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन राजधानी का सबसे पुराना स्टेशन है। यहां यात्रियों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीवर सिस्टम पुराना होने के कारण सफाई व्यवस्था बनाए रखने में भी परेशानी होती है। मुख्य इमारत भी जर्जर हो गई है। प्लेटफॉर्म भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, इसलिए इस स्टेशन के पुनर्विकास की जरूरत है।

निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन का नहीं हो रहा है विकास

मुंबई, दक्षिण भारत व राजस्थान की ओर कई महत्वपूर्ण ट्रेनें यहां से रवाना होती हैं। इसके बावजूद इसका विकास नहीं हो रहा है। न तो पर्याप्त संख्या में प्लेटफॉर्म हैं और न पर्याप्त इमारत। सराय काले खां की ओर से आने वाले यात्रियों को स्टेशन परिसर में दाखिल होने में भी परेशानी होती है।

रिंग रेल का मिले दिल्लीवासियों को लाभ

दिल्ली में उपलब्ध रिंग रेल नेटवर्क का उपयोग कर दिल्ली की खस्ताहाल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार किया जा सकता है और इसकी उम्मीद भी जगी है। दिल्ली सरकार की मांग पर रेल मंत्रलय ने कमेटी बनाकर इसके विकास की संभावनाओं पर अध्ययन कराने का भरोसा दिया है।

उम्मीद है कि इस रेल बजट में इसे लेकर कोई घोषणा हो। 1982 में हुए एशियाई खेल के समय दिल्ली में रिंग रेल सेवा शुरू की गई थी। रिंग रेल सेवा बस व मेट्रो से काफी सस्ती है और 21 स्टेशनों के माध्यम से राजधानी के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है।

यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी रिंग रेल के स्टेशनों तक पहुंचने में होती है। स्टेशनों पर पहुंचने के लिए सड़क ठीक नहीं होने के साथ ही वाहन भी नहीं मिलते हैं।

कोहरे की मार से मिले निजात

सर्दियों में कोहरा शुरू होते ही ट्रेनों के पहिये जाम होने लगते हैं। राजधानी और शताब्दी जैसी वीआइपी ट्रेनों सहित दिल्ली से चलने वाली सैकड़ों ट्रेनें रद कर दी जाती हैं। अब तक फॉग सेफ्टी डिवाइस और पटाखे के सहारे कोहरे में रेल का परिचालन किया जाता है।

इससे ट्रेनों को सुरक्षित तरीके से चलाने में तो मदद मिलती है, लेकिन इनकी गति नहीं बढ़ती है। पिछले महीने दिल्ली मंडल ने फॉग विजन कैमरे का सफल परीक्षण किया है। इससे घने कोहरे में भी 300 मीटर तक देखा जा सकता है। उम्मीद है कि जल्द ही इंजनों में इस तरह के कैमरे लगाने का फैसला लिया जाएगा।


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