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खराब खाना देने वाले एनजीओ से है दिल्ली सरकार की साठगांठ

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आंगनबाड़ी संगठन ने दिल्ली सरकार और कुछ एनजीओ के बीच साठगांठ का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 09:43 PM (IST)
खराब खाना देने वाले एनजीओ से है दिल्ली सरकार की साठगांठ
खराब खाना देने वाले एनजीओ से है दिल्ली सरकार की साठगांठ

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आंगनबाड़ी संगठन ने दिल्ली सरकार और कुछ एनजीओ के बीच साठगांठ का आरोप लगाया है। दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन (डीएसएडब्ल्यूएचयू) के मुताबिक मिड डे मील योजना में काली सूची में डाले गए कई एनजीओ से आंगनवाड़ी केंद्रों में खाने की आपूर्ति का करार जारी है, जबकि बिना दोष के ही आंगनबाड़ी सहायिकाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

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इंडियन वुमेन प्रेस कॉ‌र्प्स में कई आंगनबाड़ी सहायिकाओं के साथ मौजूद डीएसएडब्ल्यूएचयू की अध्यक्ष शिवानी कौल ने प्रेसवार्ता में बात रखी। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ ही सरकारी तंत्र दोषी एनजीओ का बचाव कर रहा है, जबकि हस्तसाल के आंगनबाड़ी केंद्र में मिड डे मील में छिपकली की शिकायत करने और बच्चों को बचाने का प्रयास करने वाली केंद्र सहायिका रमा को बर्खास्त कर दिया गया। सरकार निजी कंपनियों की मिलीभगत से आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने की साजिश रच रही है। हाल के कुछ महीनों में 200 से 300 सहायिकाओं व कार्यकर्ताओं को निकाल दिया गया। सरकार चाहती है कि आंगनबाड़ी केंद्र बंद हों और उनकी जगह निजी प्ले स्कूल और क्रेच खुलें। इसलिए केंद्रों में शौचालय, दरी, पीने के पानी की अव्यवस्था है ही, साथ ही खाने की गुणवत्ता भी नहीं सुधर रही है।

रमा ने बताया कि जुलाई में घटना वाले दिन उन्होंने एनजीओ से आए भोजन को कटोरी में निकालकर चखने के बाद बच्चों में बांट दिया। बच्चे उसे लेकर अपने-अपने घर चले गए। थोड़ी देर बाद वह जब कटोरी का भोजन खाने लगीं तो उसमें छिपकली की पूंछ आई। बचे खाने में देखा तो मरी छिपकली दिखाई दी। मैं मोहल्ले में भागते हुए गई और बच्चों के घर जाकर उनसे खाना न खाने को कहा। इसके बाद वह केंद्र लौटीं और बेहोश हो गई। उन्हें उपचार के लिए पुलिस निजी अस्पताल और फिर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले गई। वहीं, पर खाने में छिपकली न गिरे होने की बात कहने का दबाव डाला गया। मना करने पर अस्पताल से बिना समुचित उपचार के घर भेज दिया गया। कुछ दिनों बाद बीमार बताते हुए बर्खास्त कर दिया गया। शिवानी कौल ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने का समय मांगा, लेकिन समय नहीं मिला। एनजीओ पर कार्रवाई के बारे में पूछा तो कहा गया कि कोई कार्रवाई नहीं होगी। प्रेस वार्ता में अधिवक्ता स्नेहा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंजू, मनीषा भी मौजूद रहीं।


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