मौतों का कारण अब ऑनलाइन दर्ज करेंगे डॉक्टर
एम्स को जिम्मेदारी -सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के लिए एम्स ने तैयार किया ऑनलाइन प्लेटफार्म -स्वा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के तहत देश में मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए ऑनलाइन डेटा तैयार करने की जिम्मेदारी एम्स को सौंपी गई है। एम्स ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल के निर्देश पर एक ऑनलाइन प्लेटफार्म विकसित किया है, जिसे मिनेरवा (मॉर्टिलिटी इन इंडिया थ्रू वर्बल ऑटोप्सी) नाम दिया गया है।
संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को उसकी शुरुआत की। इस ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डॉक्टर मौत के कारणों को दर्ज कर सकेंगे। इसके आंकड़े देश में स्वास्थ्य संबंधी योजना तैयार करने में सरकार के लिए मददगार होंगे।
असल में किसी भी देश में की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए पहले यह जानना जरूरी होता है कि किन बीमारियों से कितनी मौतें हो रही हैं। इस आधार पर ही भविष्य की योजनाएं तैयार होती हैं। लेकिन मौत के सभी मामले चिकित्सकीय दृष्टि से प्रमाणित नहीं होते। खास तौर ग्रामीण इलाकों में जहां पंजीकरण सिस्टम ठीक नहीं है। इसलिए वर्ष 2001 से एसआरएस को अपनाया गया है। इसके तहत हर साल करीब 50,000 लोगों की मौत के कारणों को दर्ज किया जाता है।
400 डॉक्टरों का नेटवर्क
एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. आनंद कृष्णनन के नेतृत्व में सात डॉक्टरों की टीम ने ऑनलाइन प्लेटफार्म की डिजाइन तैयार की है। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति 24 चिकित्सा संस्थानों व 400 प्रशिक्षित डॉक्टरों को जोड़ा गया है जो मौतों के कारण दर्ज करेंगे। डॉ. आनंद ने कहा कि आने वाले दिनों में डॉक्टरों को हाथ में लेकर चल सकने वाले छोटे कंप्यूटर दिए जाएंगे।