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कोरोना संकट के बीच डीडीए ने बोर्ड बैठक में लिए राहत भरे फैसले

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अतिरिक्त एफएआर और कन्वर्जन शुल्क जमा करने की तय समयसीमा को दूसरी बार बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया है। इसके पहले यह समयसीमा 28 जून तक थी। कोरोना संकट के बीच मंगलवार को डीडीए की वर्चुअल बोर्ड बैठक में जनता को राहत देने वाले कई निर्णय लिए गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 11:22 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 11:22 PM (IST)
कोरोना संकट के बीच डीडीए ने बोर्ड बैठक में लिए राहत भरे फैसले
कोरोना संकट के बीच डीडीए ने बोर्ड बैठक में लिए राहत भरे फैसले

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली:

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दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अतिरिक्त एफएआर और कन्वर्जन शुल्क जमा करने की तय समयसीमा को दूसरी बार बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया है। इसके पहले यह समयसीमा 28 जून तक थी। कोरोना संकट के बीच मंगलवार को डीडीए की वर्चुअल बोर्ड बैठक में जनता को राहत देने वाले कई निर्णय लिए गए। इसमें सीलिग की कार्रवाई से राहत दिलाने वाले मास्टर प्लान-2021 में संशोधन भी शामिल है। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डीडीए के उपाध्यक्ष अनुराग जैन के अलावा कई सदस्य भी शामिल हुए।

एक अन्य फैसले में अब ग्रुप हाउसिग प्रोजेक्ट्स के तहत डीडीए के कोटे के 50 फीसद फ्लैटों पर दो बार स्टैंप ड्यूटी से गरीब तबके को राहत देने का निर्णय हुआ है। मतलब, अब बिल्डर लाभार्थियों को सीधे फ्लैट देंगे। इसमें पार्किंग सुविधा भी शामिल होगी। डीडीए लाभार्थियों का चयन करेगा। पहले डीडीए व बिल्डर के बाद लाभार्थियों को फ्लैट देने में दो बार स्टैंप ड्यूटी लगने से फ्लैट की कीमत बढ़ जाती थी। इस बढ़ी कीमत के कारण ही लोग फ्लैट लेने में भी हिचकिचाते थे।

डीडीए ने वेयरहाउस टू होम मॉडल की मांग को देखते हुए अधिकतम ग्राउंड कवरेज को 30 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद और अधिकतम एफएआर को 80 फीसद से बढ़ाकर 100 फीसद करने के लिए सार्वजनिक सूचना जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसमें तय अतिरिक्त एफएआर को समयसीमा में परिवर्तित कराना होगा। इन सीटू प्रोजेक्ट में एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर

वहीं, डीडीए ने इन सीटू प्रोजेक्ट में एफएआर को बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। पीपीपी मॉडल के तहत इन सीटू प्रोजेक्ट को तैयार करने वाले बिल्डर अपने हिस्से की 40 फीसद जमीन पर तय करेगा कि उसका उपयोग कैसे करना है। मतलब, उस जगह अस्पताल, संस्थान, रिहायशी या मिश्रित भू उपयोग किस तरह करना है। इसके अलावा मुकरबा चौक पर 14.6 हेक्टेयर जमीन के भू उपयोग को व्यावसायिक से रिहायशी उपयोग में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को भी बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई।


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