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अस्पतालों में बेड बढ़ाने की योजना पर कोरोना का ग्रहण

दिल्ली के लोग अस्पतालों में बेड की कमी से जूझ रहे हैं। अब कोरोना ने अस्पतालों में बेड बढ़ाने की योजना भी रोक दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 01:22 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 06:14 AM (IST)
अस्पतालों में बेड बढ़ाने की योजना पर कोरोना का ग्रहण
अस्पतालों में बेड बढ़ाने की योजना पर कोरोना का ग्रहण

वीके शुक्ला, नई दिल्ली:

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दिल्ली के लोग अस्पतालों में बेड की कमी से जूझ रहे हैं। अब कोरोना ने अस्पतालों में बेड बढ़ाने की योजना भी रोक दी है। लोक निर्माण विभाग ने अस्पतालों में री-मॉडल (पुनर्विकसित) योजना के तहत 15 अस्पतालों में अतिरिक्त टावर बनाकर 4000 बेड बढ़ाने की योजना पर काम शुरू किया था। इस योजना पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। इस योजना पर काम लगभग ठप है।

पहले लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से काम बंद था। अब 14 मई से काम करने की अनुमति मिली है तो कामगार गायब हैं। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि अस्पतालों से संबंधित कुछ निर्माण स्थलों पर 10 फीसद के करीब भी कामगार नहीं बचे हैं। जबकि कुछ पर काम ही बंद है। ऐसे में कोशिश करने के बाद भी काम को तेजी से आगे नहीं बढ़ाया जा पा रहा है। 15 अस्पतालों में अतिरिक्त टावर बनाने की दी थी अनुमति

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली सरकार ने 15 अस्पतालों में अतिरिक्त टावर बनाने के लिए मंजूरी दी थी। आठ अस्पतालों में काम भी शुरू हो गया था। जबकि 7 में काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। अलग अलग अस्पताल में जरूरत के हिसाब से नए ब्लॉक बनाए जाने हैं, ट्रामा सेंटर, ओपीडी व मातृ व शिशु ब्लॉक बनने हैं। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के चलते यह कार्य बीच में रुक गया था। यहां नहीं शुरू हुआ काम

इस योजना के तहत रोहिणी स्थित डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में 464 बेड बढ़ाए जाने हैं। मगर काम शुरू किए जाने की तैयारी चल रही थी कि लॉकडाउन लग गया। खिचड़ीपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में 460 बेड बढ़ाए जाने के लिए काम शुरू किया गया है। मगर कामगार न होने से गति बहुत धीमी है। शास्त्रीपार्क स्थित जगप्रवेश चंद्र अस्पताल में 329 बेड बढ़ाने के लिए नया टावर बनना है। मगर योजना पर काम रुक गया है। डाबरी स्थित दादा देव अस्पताल में 116 बेड बढ़ाए जाने हैं। काम बंद है। इसके अलावा राजपुर रोड स्थित अरुणा आसफअली अस्पताल में 151 बेड, मोतीनगर के आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल में एक सौ बेड, भगवान महावीर अस्पताल पीतमपुरा में 191 बेड, दीपचंद अस्पताल कोकीवाला अशोक विहार में 284 बेड के लिए काम शुरू किया गया था। मगर अब कामगार गायब हैं। काम लगभग ठप है। नए अस्पताल की योजना पर भी शुरू नहीं हुआ काम

इसी तरह जाफरपुर के रावतुलाराम मेमोरियल अस्पताल में 270 बेड, संजय गांधी अस्पताल मंगोलपुरी, गुरु गोबिद सिंह अस्पताल रघुवीर नगर में काम की गति धीमी हो गई है। इसके अलावा 650 बेड की क्षमता वाले मादीपुर, हस्तसाल व सिरसपुर में नए अस्पताल की योजना पर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।


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