कांग्रेस हरियाणा में रार चरम पर, मंच पर ही चले पंच
कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच पर बृहस्पतिवार को जमकर पंच चले। यह सब तब हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव सहित कांग्रेस के कई पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री मंच पर मौजूद थे।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य] । कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच पर बृहस्पतिवार को जमकर पंच चले। यह सब तब हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव सहित कांग्रेस के कई पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री मंच पर मौजूद थे। जिस समय लात-घूंसे व थप्पड-मुक्के चल रहे थे, उस समय अंदाजा लगाना मुश्किल था कि कौन किस पर हाथ आजमा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री की सभा में दो बार हंगामा हुआ। पहली बार भूपेंद्र हुड्डा के समर्थक एक कार्यकर्ता का माइक पर जमा रहना व हुड्डा को भावी मुख्यमंत्री कहना कैप्टन समर्थकों को रास नहीं आया। कैप्टन समर्थकों ने उसे मंच से हटाकर दम लिया। कुछ कैप्टन समर्थक अपने नेता को भावी मुख्यमंत्री कहते रहे व उन्हें एक कैप्टन विरोधी का हुड्डा को कांग्रेेसी नेता को भावी मुख्यमंत्री कहना गवारा नहीं था।
कैप्टन समर्थक कहते रहे कि ऐसे लोगों को मंच नहीं संभालने देंगे, जिन्होंने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है और भाजपा की मदद की है। इस दौरान तीन-चार लोगों को थप्पड़ टिके। जमकर एक दूसरे को गालियां निकाली, लेकिन मंच कायम रहा।
इस बीच जब हुड्डा ने कैप्टन के बोलने के बाद माइक नारनौल से चुनाव लड़ चुके अपने समर्थक संजय राव को थमा दिया तो कैप्टन समर्थकों को नागवार गुजरा। भीड़ में कैप्टन समर्थक कहते रहे कि पूर्व मुख्यमंत्री एक वरिष्ठ नेता के बाद एक जूनियर नेता को माइक देकर जानबूझ कर माहौल खराब कर रहे हैं।
कैप्टन जब मंच पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा, राव धर्मपाल व अन्य नेताओं के समक्ष संजय राव को लेकर भाजपा के मददगार होने जैसे हल्के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, तब संजय राव ने माइक पर 'ओय कह दिया। इससे बात बढ़ गई। भीड़ मंच पर चढ़ गई। बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री सोफे पर पसर गए। उन पर कई लोग गिरे हुए थे।
कोई किसी को घूंसा मार रहा था तो कोई किसी को। वरिष्ठ-कनिष्ठ सब की दूरी खत्म हो गई थी। पांच मिनट लोगों को समझ ही नहीं आया कि कौन किसको मार रहा है। एक समय ऐसा आया जब हुड्डा व कैप्टन सहित कई नेता धक्का-मुक्की के कारण भारी जोखिम में फंस गए।
वेदप्रकाश विद्रोही जैसे कई कांग्रेसी माहौल बिगड़ता देख मंच के निकट से दूर भाग खड़े हुए। कमजोर दिल वालों ने भी कार्यकर्ता सम्मेलन से दूरी बना ली। गनीमत यह रही कि कोई अनहोनी नहीं हुई।