बिजली बिल पर घमासान, आंदोलन का ऐलान
कोरोना महामारी के समय बिजली बिल को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा का कहना है कि कोरोना संकट के समय नरेंद्र मोदी सरकार लोगों को राहत पहुंचाने में लगी हुई है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ मिलकर दिल्लीवासियों से वसूली करने में लगी हुई है। लोगों के घरों में भारी भरकम बिजली बिल भेजे जा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कोरोना महामारी के समय बिजली बिल को लेकर सियासत तेज हो गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली सरकार ने लोगों से झूठे वादे किए थे। पानी माफ व बिजली हाफ का वादा किया गया था। चुनाव जीतने के बाद लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से लोगों के काम धंधे चौपट हो गए हैं। छोटे उद्योग बंद हैं। कार्यालय बंद हैं, लेकिन इन सभी को 94 दिनों का अनुमानित बिजली बिल भेजा जा रहा है। अस्थायी शुल्क भी वसूला जा रहा है। बिजली बिल जमा नहीं कराने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा में बिजली उपभोक्ताओं को 2820 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का बिल पास किया था। आज जब इसकी जरूरत है तो उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन शुरू हुआ तो मुख्यमंत्री ने मकान मालिकों से किराया नहीं लेने की अपील की। लोगों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन सरकार जरूरतमंदों की मदद करने की जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक व व्यापारिक संगठन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि व अन्य उपभोक्ता भाजपा के संपर्क में हैं। सभी स्थायी शुल्क वापस लेने, अनुमानित बिजली बिल नहीं भेजने की मांग कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को सब्सिडी देकर राहत दी जानी चाहिए। यदि सरकार मांग नहीं मानती है तो भाजपा दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी। इस मौके पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश भाजपा मीडिया संयोजक अशोक गोयल देवराहा, यूनाइटेड रेजिडेंट ऑफ दिल्ली के महासचिव सौरभ गांधी भी मौजूद थे।