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2014 में दिल्ली विस भंग में घिरे LG-MHA, CIC ने पूछा 'वजह बताओ'

2014 में दिल्ली विधानसभा भंग करने का मामला फिर विवादों में है। उस रिपोर्ट का खुलासा करने को कहा है, जिसके आधार पर विधानसभा भंग की गई थी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 26 May 2016 07:41 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2016 10:37 AM (IST)
2014 में दिल्ली विस भंग में घिरे LG-MHA, CIC ने पूछा 'वजह बताओ'

नई दिल्ली। 2014 में दिल्ली विधानसभा भंग करने का मामला अब एक बार फिर विवादों में है। केंद्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय को उस रिपोर्ट का खुलासा करने को कहा है, जिसके आधार पर नवंबर, 2014 में दिल्ली विधानसभा भंग की गई थी।

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सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यालु ने कहा कि एलजी ऑफिस आर्टिकल 163 (3) में छूट का दावा नहीं कर सकता, क्योंकि यह दिल्ली पर लागू नहीं होता। नवंबर 2014 में उपराज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति से दिल्ली विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी।

गौरतलब है कि फरवरी 2014 में केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा को निलंबित करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश पर मुहर लगा दी थी।
उपराज्यपाल नजीब जंग ने अरविंद केजरीवाल की विधानसभा भंग करने की राय को खारिज करते हुए शनिवार दोपहर अपनी सिफ़ारिश गृह मंत्रालय को भेज दी थी।

उपराज्यपाल की सिफारिशों पर कानून मंत्रालय की राय लेने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उपराज्यपाल की सिफारिश पर मुहर लगा दी गई थी। कैबिनेट ने प्रस्ताव को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी के लिए भेज दिया था।

इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जनलोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफ़ा दे दिया था और उप राज्यपाल से विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की अपील की थी। विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा पहले ही सरकार बनाने से इनकार कर चुकी थी।


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