बच्चों की देखभाल करने वाले अधीक्षकों का होगा मेंटल टेस्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आश्रय होम में बच्चों की देखभाल करने वाले अधीक्षक, वेलफेयर अ
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
आश्रय होम में बच्चों की देखभाल करने वाले अधीक्षक, वेलफेयर अफसरों का मेंटल टेस्ट होगा। इसमें यह देखा जाएगा कि अधिकारी बच्चों को समझने में कितने सक्षम हैं। यह प्रोग्राम बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा तैयार किया गया है। पहले चरण में करीब 34 आश्रय गृहों के 60 अधिकारियों के बैच को ट्रेनिंग दी जा रही है।
आश्रय गृहों में अपराध करने वाले से लेकर अपने माता-पिता से बिछड़े बच्चे आते हैं। पारिवारिक माहौल और सामाजिक परिवेश से कटने के कारण इन बच्चों में कई तरह कि विकृतियां उत्पन्न हो जाती हैं। इसे आश्रय गृहों के अधिकारी दूर कर सकते हैं, साथ ही समय रहते बच्चों की काउंसलिंग कर उनके मानसिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक साबित हो सकते हैं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर यह टेस्ट आयोजन प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। अधीक्षकों के अलावा बाल काउंसलरों को भी इस प्रोग्राम का हिस्सा बनाया गया है।
आयोग सदस्य रूपा कपूर ने बताया कि इस प्रोग्राम में सहायक दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग, ईहबास और एम्स को भी शामिल किया गया है। करीब 20 दिन की ट्रेनिंग शहर के 35 शेल्टर होम को दी जाएगी। जिसके बाद यह मानसिक रूप से कितने स्वस्थ हैं, बच्चों को समझने में कितने सफल हैं इसका टेस्ट लिया जाएगा।