हाई कोर्ट पहुंचा अजीत डोभाल के फोन टेप का मामला
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एसएनए) अजीत डोभाल का अवैध तरीके से फोन टेप करने के का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है। इसे प्रकरण को लेकर दायर याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एसएनए) अजीत डोभाल का फोन टेप करने का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है। मामले मे दायर याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव पीठ ने केंद्र सरकार व सीबीआइ से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है और जांच की मांग की है। साथ ही फोन टै¨पग व किसी को सर्विलांस पर रखने को लेकर दिशा-निर्देश तय करने की भी मांग की है, ताकि एजेंसी इसका दुरुपयोग न कर सके। अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में फोन टै¨पग को लेकर मानक तय करने की मांग की गई है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि पूर्व सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा एवं तत्कालीन स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के दौरान अजीत डोभाल के अलावा कई लोगों का फोन टेप किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के बीच विवाद के दौरान विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के कई अधिकारी व एनएसए मुखिया से हुई बातचीत की जानकारी तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा को रहती थी। इसका मतलब है कि अधिकारियों के मोबाइल फोन टेप किए गए। फोन टै¨पग की जिम्मेदारी डीआइजी स्तर के अधिकारी की निगरानी में होता है। इस तरह से अनधिकृत रूप से फोन टेप करना गलत है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार से फोन टै¨पग को लेकर मानक तय करने को कहा जाय, क्योंकि यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।