नौकरी गई तो बीएसईएस उपभोक्ताओं को धमकाकर ऐंठने लगे रकम
बीएसईएस के लिए बिजली के बकाया बिलों की वसूली करने वाली डीएसवाई कंपनी का अनुबंध लॉकडाउन में खत्म हो गया।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
बीएसईएस के लिए बिजली के बकाया बिलों की वसूली करने वाली डीएसवाई कंपनी का अनुबंध लॉकडाउन में खत्म हो गया। बेरोजगार होने पर डीएसवाई के तीन कर्मचारियों ने बीएसईएस के उपभोक्ताओं को ठगने के लिए अपना गिरोह बना लिया। बदमाशों ने घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली मीटर का लोड ज्यादा आने पर तो कभी कमर्शियल की जगह घरेलू मीटर लगे होने का डर दिखाकर उनसे रकम ऐंठने लगे। पिछले 15 दिनों में आरोपितों ने गाजीपुर और न्यू अशोक नगर में पांच वारदातों को अंजाम दिया। पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ ने गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान कुलदीप सिंह, जितेंद्र कुमार और मनोज कुमार के रूप में हुई है। इनके पास से बीएसईएस के फर्जी आइकार्ड और एक बाइक बरामद हुई है। पुलिस इनसे पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया कि मयूर विहार फेज-3 में रहने वाले संजीव कुमार 14 जुलाई को घर में बनी दुकान पर मौजूद थे। तभी चार-पांच युवक सादे कपड़ों में दुकान पर पहुंचे, आरोपितों ने खुद को बीएसईएस के प्रवर्तन विभाग का अधिकारी बताकर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। मामले को दबाने के लिए उन्होंने पीड़ित से 50 हजार रुपये की मांग की, दुकानदार ने उन्हें 35 हजार रुपये दिए। रकम लेकर वह चलते बने। इसी तरह से बदमाशों ने डरा-धमका कर कोंडली में अरुण गुप्ता नाम के शख्स से 29500, सोनू गुप्ता से 17000, महेशचंद से 15300 और मयूर विहार निवासी सुशील कुमार से 18000 रुपये ऐंठ लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ितों ने मामले की सूचना पुलिस को दी।
बदमाशों की धरपकड़ के लिए स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर सत्येंद्र खारी के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम को सूचना मिली कि सोमवार को बदमाश इलाके में जाकर अपना नया शिकार ढूंढ रहे हैं। टीम ने तीनों को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि मनोज ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए किया हुआ है। तीनों बदमाश डीएसवाई कंपनी के कर्मचारी थे, जो पिछले कई वर्षों से बीएसईएस के इंफोर्समेंट विभाग में काम कर रहे थे। लॉकडाउन में बीएसईएस और डीएसवाई का अनुबंध टूट गया। नौकरी जाने से तीनों बेरोजगार हो गए और गिरोह बना लिया।