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इतिहास के खाली रह गए पन्नों को भरने की जरूरत : महेश शर्मा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.महेश शर्मा ने श

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 08:34 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 08:34 PM (IST)
इतिहास के खाली रह गए पन्नों को भरने की जरूरत : महेश शर्मा
इतिहास के खाली रह गए पन्नों को भरने की जरूरत : महेश शर्मा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.महेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि इतिहास कभी दोबारा नहीं लिखा जाता। समय के साथ इसमें संशोधन जरूर किए जा सकते हैं। वैज्ञानिक तकनीक विकसित हुई है और उसका इस्तेमाल करके इतिहास के खाली रह गए पन्नों को भी भरा जा सकता है।

नेशनल म्यूजियम सभागार में अमित राय जैन की रचित पुस्तक 'हड़प्पन सिविलाइजेशन' के लोकार्पण समारोह में शर्मा ने कहा, 'हम हर वक्त अच्छे से अच्छे की तलाश में रहते हैं। आज से पहले इतिहासकारों ने काफी कुछ लिखा और आगे आज की युवा पीढ़ी के लिए स्थान छोड़ दिया। अब युवा पीढ़ी नई तकनीक के आधार पर आगे इतिहास लिखकर समाज को अपना योगदान दे सकती है।

इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि हमारी प्रचीन परंपरा पर षड्यंत्रों के माध्यम से प्रहार किया गया। वामपंथी विचारधारा का कुछ विश्वविद्यालयों पर कब्जा होने की वजह से यह बात फैलाने की पूरी कोशिश की गई कि आर्यो ने भारत पर आक्रमण किया और आर्यो ने लोगों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन सिनौली में हुई खोदाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि कुछ लोगों ने आर्यो को लेकर झूठ फैलाया। आर्य कहीं बाहर से नहीं आए, बल्कि वे इसी संस्कृति का हिस्सा थे।

'हड़प्पन सिविलाइजेशन' पुस्तक के लेखक अमित राय जैन ने बताया कि पुस्तक का प्रकाशन किताब वाले प्रकाशक ने किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरनावा की सिनौली साइट से हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। इसका उल्लेख करते हुए पुस्तक में यह बताया गया है कि सभ्यता में भारतीय जनमानस का योगदान सर्वोपरि रहा है। सिंधुकालीन सभ्यता से अब तक के मानव जीवन का क्रमबद्ध विवरण पुस्तक में समाहित है। कार्यक्रम में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. सतीश चंद्र मित्तल, नेशनल म्यूजियम के निदेशक डॉ.बीआर मणि व इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी (नई दिल्ली) के सचिव केएन दीक्षित प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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