अनुमानित बिजली बिल का भाजपा ने किया विरोध
उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे अनुमानित बिजली बिल और वसूले जा रहे स्थायी शुल्क का भाजपा ने विरोध किया है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को साथ लेकर इसके खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को आरडब्लूए प्रतिनिधियों के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये चर्चा की। उन्होंने दिल्ली सरकार से अस्थायी शुल्क माफ करने और अनुमानित बिल के बजाय वास्तविक बिल भेजने की मांग की।
- प्रदेश अध्यक्ष ने आरडब्ल्यूए के सदस्यों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिये की चर्चा
- कोरोना संकट के समय सरकार व बिजली कंपनियों पर लगाया मनमानी का आरोप राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे अनुमानित बिजली बिल और वसूले जा रहे स्थायी शुल्क का भाजपा ने विरोध किया है। पार्टी ने रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को साथ लेकर इसके खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की। उन्होंने दिल्ली सरकार से अस्थायी शुल्क माफ करने और अनुमानित बिल के बजाय वास्तविक बिल भेजने की मांग की।
आदेश गुप्ता ने कहा कि इस संकट के समय में अन्य राज्यों में सरकार लोग को मदद कर रही है। वहीं, दिल्लीवासियों को भारी भरकम बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। चुनाव से पहले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में सब्सिडी देने का वादा किया गया था। विधानसभा में 12 महीने के लिए 2820 करोड़ रुपये का बजट बिजली बिल सब्सिडी के लिए पास भी किया गया। लेकिन, उपभोक्ताओं को 94 दिनों के बिजली बिल में स्थायी शुल्क जोड़ने के साथ बिना सब्सिडी वाले बिल भेजे जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद थे, बावजूद इसके पिछले साल के आधार पर अनुमानित बिल वसूले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) नया टैरिफ प्लान जारी करने वाला है। बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर भाजपा इसका विरोध जारी रखेगी।
बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को लगातार उठाती रही है। दिल्ली सरकार को पत्र भी लिखा गया, लेकिन बिजली कंपनियों की मनमानी नहीं रोकी गई। उन्होंने कहा कि बिजली मीटर की रीडिग के आधार पर बिल लिया जाना चाहिए। बिजली काटने की चेतावनी वाला नोटिस भी वापस लिया जाना चाहिए। वेबिनार में प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा, यूनाइटेड रेजिडेंट वेलफेयर के महासचिव सौरभ गांधी सहित आरडब्ल्यू के कई प्रतिनिधि मौजूद थे।