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भाजपा में दावेदारों की फेहरिस्त हो रही लंबी

आम चुनाव में राजधानी की सातों सीटें सभी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन फिलहाल सबकी नजरें उत्तर-पूर्वी लोकसभा सीट पर लगी हुई है। आम आदमी पार्टी ने दिलीप पांडेय के रूप में यहां से अपना संभावित उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। पर भाजपा की ओर से फिलहाल कोई संकेत नहीं दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की सीट होने के कारण यहां पार्टी की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। इस कारण पार्टी पूरी तैयारी के बाद ही उम्मीदवार घोषित करेगी। इससे पहले इस सीट पर दावेदारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 10:28 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:28 PM (IST)
भाजपा में दावेदारों की फेहरिस्त हो रही लंबी
भाजपा में दावेदारों की फेहरिस्त हो रही लंबी

स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली : आम चुनाव में राजधानी की सातों सीटें सभी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन फिलहाल सबकी नजरें उत्तर-पूर्वी लोकसभा सीट पर लगी हुई है। आम आदमी पार्टी ने दिलीप पांडेय के रूप में यहां से अपना संभावित उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। पर भाजपा की ओर से फिलहाल कोई संकेत नहीं दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की सीट होने के कारण यहां पार्टी की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। इस कारण पार्टी पूरी तैयारी के बाद ही उम्मीदवार घोषित करेगी। इससे पहले इस सीट पर दावेदारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। करीब 22 लाख मतदाताओं वाली यह सीट पहले कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल के पास थी। 2014 के आम चुनाव में मनोज तिवारी ने यहां रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी।

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भाजपा से फिलहाल मौजूदा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के ही चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। यह माना जा रहा है कि अगर दिल्ली में पार्टी ने कुछ सांसदों को चुनाव में न उतारने का करती है तो तो उसमें वह अपने प्रदेश अध्यक्ष को शामिल नहीं करेगी। निगम चुनाव में पार्टी की जीत का सेहरा सिर पर बांधे मनोज तिवारी अपनी ही सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगे। यही वजह है कि वह प्रदेश अध्यक्ष होते हुए भी हाल के समय में अपने इलाके में अधिक सक्रिय हो गए हैं। छोटे से छोटे कार्यक्रमों में उनका शिरकत करना यह बता रहा है कि वह चुनाव की ही तैयारी कर रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा के कुछ नेताओं को लगता है कि अगर पार्टी ने मनोज तिवारी को किसी अन्य सीट पर टिकट दिया तो उन्हें मौका मिल सकता है। यही वजह है कि यहां से पार्टी के कम से कम तीन नेता दावेदारी ठोक रहे हैं। करावल नगर विधानसभा से चार बार लगातार विधायक रहे और वर्तमान में प्रदेश में उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट अब लोकसभा का रुख करना चाहते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से मिलना शुरू कर दिया है। हालांकि उनका कहना है कि वह पार्टी का प्रचार कर रहे हैं, लेकिन टिकट मांगने की भी पुष्टि कर रहे। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता जय भगवान गोयल भी अभी से मैदान में उतर गए हैं। उन्होंने पूरे क्षेत्र में अपने पोस्टर लगा दिए हैं। इसके साथ वह मंडलों और जिलों के पदाधिकारियों से मिलकर समर्थन मांग रहे हैं। जय भगवान गोयल पोस्टरों के जरिये पिछले 35 वर्षो में अपने द्वारा किये गए कार्यों को याद दिला रहे हैं।

गौरतलब है कि गोयल शिवसेना में उत्तर भारत के प्रमुख रह चुके हैं। शिवसेना में रहते हुए अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस में शामिल रहे और फिरोजशाह कोटला की पिच खोदने के कारण सुर्खियों में रहे। हर साल यमुनापार में बड़े स्तर पर मटकी फोड़ कार्यक्रम करवा रहे हैं। वह पिछले काफी समय से लोगों को त्रिशूल भी बांट रहे हैं। इनके अलावा एक नाम महंत नवल किशोर दास का भी चल रहा है। मूल रूप से आगरा के रहने वाले नवल किशोर दास का उत्तर-पूर्वी जिले में एक मंदिर के साथ धर्मशाला भी है। इस वजह से वह इलाके में काफी सक्रिय रहते हैं। साथ ही पूर्व महापौर सत्या शर्मा की तरफ से भी इलाके में अचानक कई पोस्टर लगाए गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी नजर भी लोकसभा टिकट पर टिकी है।


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