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दिल्ली में आयुष्मान भारत लागू न होने से बाहरी भी होंगे प्रभावित

दिल्ली सरकार इस योजना के नाम से प्रधानमंत्री शब्द हटाना चाहती थी। इसे मुख्यमंत्री आम आदमी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से लागू करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था।

By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 02:42 PM (IST)
दिल्ली में आयुष्मान भारत लागू न होने से बाहरी भी होंगे प्रभावित
दिल्ली में आयुष्मान भारत लागू न होने से बाहरी भी होंगे प्रभावित

नई दिल्ली (जेएनएन)। आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजय) को राजधानी में लागू करने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच आखिरकार सहमति नहीं बन पाई। इसलिए दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस योजना से पीछे हट गया है। इस कारण दिल्ली के आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। इस कारण दूसरे राज्यों के मरीज भी प्रभावित होंगे। ऐसे में गरीबों के स्वास्थ्य पर दिल्ली सरकार व केंद्र के बीच राजनीतिक तकरार भारी पड़ती दिख रही है।

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योजना पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था। दिल्ली सरकार इस योजना के नाम से प्रधानमंत्री शब्द हटाना चाहती थी। इसे मुख्यमंत्री आम आदमी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से लागू करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के अनुसार केंद्र ने योजना के नाम में आयुष्मान भारत के बाद मुख्यमंत्री या आम आदमी शब्द जोड़ने का प्रस्ताव भी दे दिया था। बताया जा रहा है कि यह बात भी दिल्ली सरकार के गले से नहीं उतरी। दिल्ली में 20 लाख लोग होंगे प्रभावित महानिदेशालय ने सर्वे कर यह आकलन किया था कि दिल्ली में यदि यह योजना लागू होती तो यहां के करीब 20 लाख लोगों को बीमा का फायदा मिलता। हालांकि दिल्ली में करीब 17 लाख परिवारों को खाद्य सुरक्षा कार्ड जारी किया गया है।

दिल्ली सरकार यह भी चाहती थी कि इन 17 लाख परिवारों के करीब 80 लाख लोगों को बीमा के दायरे में लाने की छूट दी जाए। हालांकि बाद में योजना के प्रावधान के अनुसार 20 लाख लोगों को ही बीमा देने पर सहमति बन गई थी, लेकिन नाम को लेकर मामला फंस गया।

योजना के अनुसार लोगों को पांच लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के लिए 60 फीसद राशि केंद्र व 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार को खर्च करने का प्रावधान है। यही वजह है कि दिल्ली सरकार चाहती थी कि योजना में उसका नाम भी शामिल किया जाए। स्वास्थ्य राज्य का मसला है।

दिल्ली सरकार के हस्ताक्षर नहीं करने से यहां के निजी अस्पताल भी आयुष्मान भारत में शामिल नहीं हो पाएंगे। बड़े निजी अस्पतालों में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने से दूसरे राज्यों से भी काफी संख्या में मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं।

दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी एनसीआर से काफी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। उन राज्यों के लोगों के पास आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होने के बावजूद वे दिल्ली सरकार के अस्पतालों व निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज नहीं करा पाएंगे।


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