विश्व स्ट्रोक दिवस पर कराया जागरूकता कार्यक्रम
जासं दक्षिणी दिल्ली विश्व स्ट्रोक दिवस पर भारतीय स्ट्रोक एसोसिएशन ने जागरूकता कार्यक्रम का आय
जासं, दक्षिणी दिल्ली : विश्व स्ट्रोक दिवस पर भारतीय स्ट्रोक एसोसिएशन ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में देशभर के न्यूरो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने स्ट्रोक से बचाव और लक्षणों के बारे में जागरूकता और सतर्कता कैसे बरती जाए, इस बारे में बताया।
भारतीय स्ट्रोक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रोहित भाटिया ने बताया कि हृदयाघात की तरह ही मस्तिष्क घात भी बेहद गंभीर है। लोगों को इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण दिखाई देते ही तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचना चाहिए ताकि स्ट्रोक से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक से बचाव के लिए फास्ट (एफएएसटी) पर ध्यान देना चाहिए। एफ यानी चेहरे में विकार आना, दूसरा हाथ या पैर में कमजोरी आ जाना तीसरा बोलने में मुश्किल होना। इन तीनों परिस्थितियों में व्यक्ति को चौथा टी यानी समय के रहते चिकित्सालय तक पहुंचना चाहिए। मंगलवार को हुए इस इ-व्याख्यान में भारतीय स्ट्रोक एसोसिएशन के डॉ. प्रदीप वीजे केरल से, डॉ. जयराम पांड्यन, डॉ. शैलजा , डॉ. अरविद शर्मा, डॉ. निर्मल सूरी, डॉ. कुमारवेलू, डॉ. विनीत सूरी, और डॉ. विक्रम ने अपने विचार रखे और लोगों को मस्तिष्काघात से बचाव और सतकर्ता के लिए जागरूक किया।