एक अप्रैल से दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति टैबलेट पर
एक अप्रैल से दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति टैबलेट पर दर्ज की जाएगी। साथ ही जीरो पेपर-वर्क पॉलिसी लागू की जाएगी। शिक्षकों द्वारा अनुभाग-वार उपस्थिति दर्ज की जाएगी। उप निदेशकों को कक्षाओं में उपस्थित छात्रों की संख्या के बारे में हर रोज पता होगा और उस पर नजर भी रखनी होगी। हर उप निदेशक को कक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या के बारे में सुबह नौ बजे तक जानकारी मिल जाएगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली
एक अप्रैल से दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति टैबलेट पर दर्ज की जाएगी। साथ ही जीरो पेपर-वर्क पॉलिसी लागू की जाएगी। शिक्षकों द्वारा अनुभाग वार उपस्थिति दर्ज की जाएगी। उपनिदेशकों को कक्षाओं में उपस्थित छात्रों की संख्या के बारे में हर रोज पता होगा और उस पर नजर भी रखनी होगी। हर उपनिदेशक को कक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या के बारे में सुबह नौ बजे तक जानकारी मिल जाएगी। परीक्षा परिणाम भी ऑनलाइन (टैबलेट पर) अपलोड किए जाने हैं। परीक्षा परिणामों को भी कागजी कार्रवाई से दूर रखा जाएगा।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में उपनिदेशक शिक्षा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। बैठक सिसोदिया और कालकाजी की नई विधायक आतिशी के स्वागत के लिए रखी गई थी। साथ ही शिक्षा सचिव मनीषा सक्सेना जो पहले शहरी विकास प्रभारी थीं, उनका भी स्वागत किया गया। सक्सेना के पास सचिव (कला, संस्कृति और भाषा) का भी अतिरिक्त प्रभार होगा।
सिसोदिया ने कहा कि हमारा सपना भारत को एक विकसित देश के रूप में देखने का है। शिक्षा के अलावा और कोई रास्ता नहीं है, जो हमें इस देश की प्रगति और विकास को गति देने में मदद कर सके। इसलिए शिक्षा विकास की दिशा में हमारा रास्ता है और यही कारण है कि हम सभी दिल्ली में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इतने गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि डीडीई को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके क्षेत्र में प्रत्येक शिक्षक के हाथ में टैबलेट होने चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि छात्रों की उपस्थिति कैसे रखनी है और परीक्षा का रिकॉर्ड को कैसे बनाएं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के उपनिदेशकों को यह सुनिश्चित करना है कि उनके क्षेत्र में आने वाले सभी स्कूलों के प्रत्येक शिक्षक के हाथ में टैबलेट होने चाहिए। सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए:
सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा विभाग के उपनिदेशकों को स्कूलों और कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना पर नजर रखनी होगी। प्रत्येक उप निदेशक को अपने क्षेत्र के स्कूलों में पहले से स्थापित सीसीटीवी कैमरों की संख्या पर नजर रखना चाहिए और वो सुचारु रूप से कार्य कर रहे हों। साथ ही इस पर नजर रखें कि अभिभावकों को पासवर्ड प्रदान किया गया है या नहीं। माता-पिता को पासवर्ड प्रदान किया जाए, जहां सीसीटीवी लगाए गए हैं, ताकि वे अपने बच्चे की क्लास को देख सकें। अप्रैल 2020 के अंत तक प्रत्येक स्कूल में वीडियो कांफ्रेंसिग सुविधाएं उपलब्ध हो जानी चाहिए : उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि जोन और निदेशालय स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिग की सुविधाएं आसानी से पहुंचाना सुनिश्चित करें। हर स्कूल में इसकी सुविधा होनी चाहिए ताकि डीडीई और एचओएस व उनके वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ऑनलाइन आयोजित की जा सके। उन्होंने डीडीई को अपने क्षेत्रों के भीतर स्कूल भवनों, बाउंड्री वॉल, गेट और नेम प्लेट के सौंदर्यीकरण में सुधार लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रत्येक डीडीई सुनिश्चित करें कि उनके स्कूलों का प्रत्येक स्टाफ प्रशिक्षित हो। हैप्पीनेस क्लासेस और एंटरप्रीन्योरशिप क्लासेज का नियमित रूप से निगरानी की जाए।